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रांची : आदिवासी मूलवासी संगठनों ने 24 सूत्री पीपुल्स एजेंडे पर मांगा समर्थन
रांची : झारखंड बचाओ समन्वय समिति द्वारा मंगलवार को आदिवासी-मूलवासी सामाजिक संगठनों की तृतीय बैठक लोयला सभागार में हुई़ झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड की सबसे बड़ी त्रासदी विस्थापन है़ आजादी के बाद से इसकी सबसे बड़ी कीमत राज्य के आदिवासियों ने चुकायी है़ राज्य सरकार को हर नागरिक की शिक्षा, स्वास्थ्य […]
रांची : झारखंड बचाओ समन्वय समिति द्वारा मंगलवार को आदिवासी-मूलवासी सामाजिक संगठनों की तृतीय बैठक लोयला सभागार में हुई़ झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड की सबसे बड़ी त्रासदी विस्थापन है़
आजादी के बाद से इसकी सबसे बड़ी कीमत राज्य के आदिवासियों ने चुकायी है़ राज्य सरकार को हर नागरिक की शिक्षा, स्वास्थ्य व नियोजन की गारंटी लेनी चाहिये़ जो योजनाएं राज्य हित में नहीं है, उन्हें रद्द करना चाहिए़ अध्यक्षीय भाषण में डाॅ करमा उरांव ने कहा कि दुनिया भर की ताकतें झारखंड की प्राकृतिक संपदा को लूटने पर आमादा है़ं गलत स्थानीय व औद्योगिक नीति यहां के आदिवासियों- मूलवासियों को उजाड़ने की साजिश है़
झामुमो की अोर से अंतु तिर्की, झारखंड पार्टी की ओर से सोमा मुंडा, राजद की ओर पार्टी प्रवक्ता डाॅ मनोज कुमार, पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव, थियोडोर किड़ो, नियेल तर्किी, पूर्व विधायक बहादुर उरांव, मंगल सिंह बोबोंगा, राजू महतो, नरेश मुर्मू, दयामनी बारला, मुश्ताक आलम, ललित मुर्मू व अन्य ने संबोधित किया़ संचालन प्रेमचंद मुर्मू व जन मुद्दों पर आधारित दस्तावेज का उल्लेख प्रभाकर तिर्की ने किया़
24 सूत्री पीपुल्स एजेंडा
बैठक में 24 सूत्री पीपुल्स एजेंडा पर राजनीतिक दलों से समर्थन मांगा गया. भाजपा व भ्रष्टाचार मुक्त झारखंड का निर्माण हो़ सीएनटी व एसपीटी एक्ट की भूल भावना से छेड़छाड़ बंद हो. झारखंड का सीएम झारखंडी मूल का हो़
आदिवासियों व मूलवासियों की पहचान, रक्षा व विकास के संवैधानिक प्रावधानों की सुरक्षा सुनिश्चित हो़ आदिवासी भूमि रक्षा कानूनों का अनुपालन सख्ती से हो़ आदिवासियों की लूटी गयी जमीन की वापसी के लिये सरकार द्वारा गठित एसआइटी की रिपोर्ट सार्वजनिक हो व जमीन वापसी की कार्रवाई समय सीमा के तहत पूरी हो.
स्थानीय नीति रद्द की जाये व खतियान और 1951 की जनगणना के आधार पर नयी डोमिसाइल नीति बने. ठेकेदारी,माइनिंग लीज, नियुक्तियों में स्थानीय नीति लागू हो. विस्थापन आयोग का गठन हो़ आदिवासियों के पारंपरिक धर्म कोड को जनगणना कॉलम में शामिल किया जाये़
भूमि अधिग्रहण कानून संशोधन आदेश रद्द किया जाये़ संविदा के आधार पर सभी नियुक्तियां रद्द हो व विधि सम्मत आरक्षण का अनुपालन किया जाये़ सरकार आदिवासी व मूलवासी विरोधी सभी प्रकार के कानून निरस्त करे़
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