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सार्वजनिक जीवन में संघर्षशील और सृजनधर्मी लोगों के हमेशा प्रेरणास्रोत बने रहेंगे जॉर्ज : हरिवंश

नयी दिल्ली : प्रसिद्ध समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस के निधन पर राज्यसभा के उप-सभापति हरिवंश ने गहरा शोक जताया है. अपने शोक संदेश में हरिवंश ने कहा कि जॉर्ज ताकतवर प्रेरणादायक नायक थे. अपने रहन-सहन, व्यक्तित्व-कृतित्व, हर पैमाने पर वे सच्चे समाजवादी नेता थे और आजीवन उसी धारा के वाहक बने रहे. उनका जाना बेशक […]

नयी दिल्ली : प्रसिद्ध समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस के निधन पर राज्यसभा के उप-सभापति हरिवंश ने गहरा शोक जताया है.

अपने शोक संदेश में हरिवंश ने कहा कि जॉर्ज ताकतवर प्रेरणादायक नायक थे. अपने रहन-सहन, व्यक्तित्व-कृतित्व, हर पैमाने पर वे सच्चे समाजवादी नेता थे और आजीवन उसी धारा के वाहक बने रहे. उनका जाना बेशक भारतीय राजनीति में एक युग का अंत है. लेकिन, उनका व्यक्तित्व, कृतित्व, नेतृत्व हमेशा ही देश के संघर्षशील-सृजनधर्मी लोगों के लिए प्रेरणा देने का, ताकत देने का काम करता रहेगा. जॉर्ज साहब का व्यक्तित्व अदभुत संघर्षशील था. चाहे ट्रेड यूनियनों के जरिये देश के मजदूरों को एक कर राजनीति करने की बात हो, चाहे आपातकाल में देश के सबसे ताकतवर लोगों और सत्ता के खिलाफ खड़े होने की बात हो, जॉर्ज ने हर बार साबित किया कि वे दृढ़निश्चयी व्यक्ति हैं और मुश्किलें, चुनौतियां, यातनाएं उन्हें परास्त नहीं कर सकती.

आपातकाल में जॉर्ज ने न जाने कितनी यातनाएं झेलीं, लेकिन अकेले सबसे लंबे समय तक वे भूमिगत रहकर ताकतवर लोगों के खिलाफ खड़े रहे, लड़ते रहे. 1977 में जब हथकड़ी के संग उनका पोस्टर सामने आया, तो वह देश भर के नौजवानों को प्रेरणादेनेवाला पोस्टर बन गया. हरिवंश ने कहा कि उस समय हमारे जैसे युवा जॉर्ज के उस पोस्टर को देखकर ऊर्जा से भर गये थे. प्रतिपक्ष और द अदर साइट्स जैसे पत्र-पत्रिका में जॉर्ज के प्रकाशित लेख या उनके संपादन में आनेवाले लेख युवाओं को, देशवासियों को प्रेरित करते थे.

जॉर्ज का व्यक्तित्व और कृतित्व इतना विराट था, प्रभावी था कि देश की ताकतवर सत्ता उनसे डरती थी. आपातकाल में सत्ता का विरोध करने की कीमत को उन्होंने बाद में लंबे समय तक चुकाया. साजिश के तहत उन पर तरह-तरह के आरोप लगाये गये, उन्हें फंसाने की कोशिश हुई, लेकिन बाद में देश-दुनिया ने जाना कि जॉर्ज पर लगाये गये आरोप साजिशतन थे. आपातकाल में ताकतवर लोगों से टकराने के परिणाम के रूप में उनकी छवि को धुमिल करने की कोशिश के लिए ऐसा किया गया था. उपसभापति ने कहा कि जॉर्ज भले दुनिया से विदा हो गये हों, लेकिन देश में जब-जब संघर्ष का कोई आंदोलन होगा, संघर्ष के संग सृजन की पंरपरा चलेगी, जॉर्ज साहब प्रेरणास्रोत बनकर मार्गदर्शन, पथप्रदर्शन करते रहेंगे.

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