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बोधगया : महाबोधि मंदिर के पास प्लांट किये थे चार बम, बांग्लादेशी समेत छह आतंकियों पर शिकंजा
बोधगया/पटना : एनआइए (राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी) ने पिछले साल जनवरी में बोधगया में ब्लास्ट साजिश मामले में दूसरी चार्जशीट (सप्लीमेंट्री) सोमवार को दायर कर दी. इसमें छह नामजद अभियुक्त बनाये गये हैं, जिनमें चार पश्चिम बंगाल और एक असम का है, जबकि एक बांग्लादेशी नागरिक शामिल है. उसके विरुद्ध विदेशी एक्ट की धारा- 14 के […]
बोधगया/पटना : एनआइए (राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी) ने पिछले साल जनवरी में बोधगया में ब्लास्ट साजिश मामले में दूसरी चार्जशीट (सप्लीमेंट्री) सोमवार को दायर कर दी. इसमें छह नामजद अभियुक्त बनाये गये हैं, जिनमें चार पश्चिम बंगाल और एक असम का है, जबकि एक बांग्लादेशी नागरिक शामिल है.
उसके विरुद्ध विदेशी एक्ट की धारा- 14 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में एनआइए ने 28 सितंबर, 2018 को पहली चार्जशीट दायर की थी, जिनमें तीन नामजद अभियुक्त बनाये गये थे. यह पहला मौका है, जब इस मामले में किसी बांग्लादेशी नागरिक मो. जाहिदूल इस्लाम उर्फ कौसर उर्फ मिजानूल इस्लाम का नाम सामने आया है. इन सभी पर राष्ट्रद्रोह के अलावा जनमानस को घातक तरीके से क्षति पहुंचाने के अलावा आइइडी जैसे विस्फोटक को सार्वजनिक स्थान पर प्लांट करने जैसे बेहद गंभीर मामलों में आरोप दर्ज किये गये हैं.
अब तक की जांच में यह बात सामने आयी है कि पूरे मामले में कौसर की भूमिका सबसे अहम रही है. उसने ही आतंकियों को चुन कर एक गैंग तैयार किया और कई बमों को महाबोधि मंदिर परिसर के आसपास प्लांट करवाया था. म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों का बदला लेने के लिए उसने यह साजिश रची थी.
इसका सीधा संबंध बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन से है. इस मामले में अभियुक्त बने दो अन्य आतंकी आदिल शेख और अहमद अली जमात-उल- मुजाहिद्दीन के स्थानीय एजेंट के तौर पर काम रहे थे. इन सभी नामजद आतंकियों ने इस घटना को अंजाम देने के लिए फर्जी नाम और पता का उपयोग किया था. इन लोगों ने फर्जी पहचान पत्र भी बनवा रखे थे.
इसके सहारे ही ये सभी बोधगया तक पहुंच पाये थे. यहां आने से पहले ये लोग बेंगलुरु में भी कई स्थानों पर जाकर कुछ दिनों के लिए छिपे थे. फिलहाल इससे जुड़ी आगे की जांच चल रही है.
क्या है मामला
बोधगया में बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा व कई देशों के बौद्ध श्रद्धालुओं व दलाई लामा के अनुयायियों की मौजूदगी में 19 जनवरी, 2018 को आतंकियों ने बमों को प्लांट कर दिया था.
इनमें से एक बम महाबोधि मंदिर परिसर के बाहर प्रवेश करने वाले मार्ग में गेट नंबर चार के बाहर रखा गया था और करीब 200 मीटर की दूरी पर श्रीलंका बौद्ध बौद्ध मठ के बाहर दो बड़े बमों को प्लांट किया गया था. दोनों बमों के प्लांट स्थल से महज 50 गज की दूरी पर दलाई लामा तिब्बत बौद्ध मठ में प्रवास कर रहे थे. आतंकियों ने चौथा बम कालचक्र मैदान के पश्चिमी-दक्षिणी कोने पर एक जेनेरेटर सेट के नीचे रखा था. थर्मस फ्लास्क में तैयार बम के विस्फोट होने के बाद पुलिस हरकत में आयी व अन्य तीनों बमों की शिनाख्त हो पायी.
बरामद बमों को एनएसजी की टीम ने निरंजना नदी में विस्फोट कराया था. हालांकि, बमों को प्लांट करने के मामले में पकड़े गये एक आतंकी के बोधगया लाने के बाद उसकी निशानदेही पर छह महीने बाद कालचक्र मैदान के पास स्थित एक शौचालय से एक हैंड ग्रेनेड भी एनआइए को बरामद हुआ, जबकि आतंकियों द्वारा फेंका गया एक हैंड ग्रेनेड अब भी गया शहर स्थित पंत नगर के तालाब में पड़ा हुआ है. पानी सूखने के बाद उसकी खोजबीन शुरू की जायेगी.
बोधगया ब्लास्ट की साजिश में दूसरी चार्जशीट
ये छह बनाये गये नामजद अभियुक्त
मो. अदिल शेख उर्फ अशदुल्लाह उर्फ अब्दुल्लाह- मुर्शिदाबाद, प बंगाल
दिलावर होसैन उर्फ उमर उर्फ हसन- मालदा, पश्चिम बंगाल
अब्दुल करीम उर्फ कोरिम शेख उर्फ इकबाल उर्फ फंटू शेख- मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल
मुस्ताफिरजूर रहमान उर्फ शाहीन उर्फ तूहिन उर्फ अली- बीरभूम, पश्चिम बंगाल
आरिफ हुसैन उर्फ अतौर उर्फ सईद- बारपेटा, असम
मो. जाहिदूल इस्लाम उर्फ कौसर उर्फ मिजानूल इस्लाम उर्फ बड़ा भाई उर्फ मुन्ना- शेखेरभिटा, जमालपुर, बांग्लादेश
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