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गढ़हारा : रेल कर्मचारियों के बच्चे को 33 साल तक मिलेगा मुफ्त पास
गढ़हारा : रेलवे बोर्ड ने रेल कर्मचारियों के आश्रित बेटे-बेटियों की सुविधाओं को ध्यान रखते हुए राहत भरी खुशखबरी दी है. रेलवे के इस निर्णय से अब 33 साल तक के आश्रित बच्चों को मुफ्त पास की सुविधा प्रदान की जायेगी. इसको लेकर रेलकर्मियों व उनके बच्चे-बच्चियों समेत परिजनों में प्रसन्नता है. रेलवे के जारी […]
गढ़हारा : रेलवे बोर्ड ने रेल कर्मचारियों के आश्रित बेटे-बेटियों की सुविधाओं को ध्यान रखते हुए राहत भरी खुशखबरी दी है. रेलवे के इस निर्णय से अब 33 साल तक के आश्रित बच्चों को मुफ्त पास की सुविधा प्रदान की जायेगी.
इसको लेकर रेलकर्मियों व उनके बच्चे-बच्चियों समेत परिजनों में प्रसन्नता है. रेलवे के जारी इस निर्णय को सभी रेलवे जोन एवं मंडल रेल प्रबंधक को भेज दिया गया है. नये नियमों में रेलवे पास नियम 1986 एवं 1993 के बदलाव किया है. जिससे रेलकर्मी नौकरी में हो या अवकाश प्राप्त, आश्रित बच्चों को यह सुविधा 33 साल की आयु तक मिलती रहेगी. रेलवे बोर्ड द्वारा जारी आदेश को तत्काल प्रभाव लागू करने के लिए सभी मंडलों के मंडल रेल प्रबंधक निर्गत पत्र को भेज दिया है.
इस संबंध में इस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के मंडल अध्यक्ष(सोनपुर) शिव प्रसाद यादव ने बताया कि यूनियन कर्मचारियों के लगातार संघर्ष व रेलवे बोर्ड के समक्ष पीएन एम एवं अन्य माध्यमों से दबाव बनाती रही कि रेलकर्मियों के आश्रितों को मुफ्त पास की सुविधा अभी तक 21 साल थी. उसे बढ़ाकर 33 साल करने की मांग लगातार करती रही. परिणामस्वरूप रेलवे को निर्णय लेना ही पड़ा. इस संबंध में रेलवे बोर्ड ने देश के सभी 62 रेल मंडलों के मंडल रेल प्रबंधक को निर्देश भेजा है. रेलवे ने 22 साल बाद इस नियम में बदलाव किया है.
दरअसल बेटों को नौकरी के इंटरव्यू या लिखित परीक्षा का समय आता था कि तब तक वे रेलवे पास के दायरे से बाहर हो जाते थे. परीक्षा देने के लिए शहर से बाहर जाने के लिए खर्च देना रेलकर्मियों को भी काफी अखरता था.जबकि रेलकर्मियों की बेटियों के शादी नहीं होने या माता -पिता पर निर्भर होने तक यह सुविधा है.
रेलवे बोर्ड ने तत्काल प्रभाव से अमल करने का आदेश डिवीजन के डीआरएम को दिया है. रेलवे बोर्ड के इस निर्णय को पूर्व मध्य रेल कर्मचारी यूनियन के बरौनी-गढ़हारा के संयुक्त सचिव जीवानंद मिश्रा, रवि कुमार, छोटे लाल पासवान एवं गौरीशंकर समेत अन्य ने प्रसन्नता जताते हुए यूनियन की जीत बताया है. मालूम हो कि रेलवे के इस निर्णय से करीब 13 लाख रेल कर्मचारियों के बेटे-बेटियों को मुफ्त पास की सुविधा मिलेगी.
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