नयी दिल्ली : मधुबनी पेंटिंग की शिल्प गुरु गोदावरी दत्त को पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की गयी है. मधुबनी की रहनेवाली गोदावरी दत्त को मधुबनी पेंटिंग को देश-विदेशों में पहुंचाने में उनका अहम योगदान रहा है. वह कई देशों का दौरा कर चुकी हैं. करीब 90 वर्षीया शिल्प गुरु गोदावरी दत्ता अब भी पेंटिंग बनाती हैं. वह पिछले 49-50 वर्षों से मधुबनी पेंटिंग के क्षेत्र में काम कर रहीं हैं. वह देश के साथ-साथ विदेशों में भी मधुबनी शिल्प को स्थापित कर चुकी हैं.
दरभंगा के बहादुरपुर गांव में वर्ष 1930 में जन्मी गोदावरी दत्त बचपन से ही मिथिला कला में रूचि लेने लगी थी. उनकी मां ने उन्हें मधुबनी पेंटिंग का प्रशिक्षण दिया था. उसके बाद उन्होंने अपना पूरा समय कला को समर्पित कर दिया. गोदावरी दत्त को राष्ट्रीय पुरस्कार के अलावा शिल्पगुरु पुरस्कार भी मिल चुका है. कचनी शैली की श्रेष्ठ कलाओं में से एक मानी जाती है. उन्होंने पौराणिक कथाओं और धार्मिक विषयों पर अधिकतर चित्रण किया है.