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रांची : नेशनल गेम्स घोटाले में पूर्व मंत्री बंधु तिर्की से पूछताछ, इधर आय से अधिक संपत्ति मामले में मिली जमानत
जांच: एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम पहुंची हाेटवार जेल रांची : नेशनल गेम्स गड़बड़ी के सिलसिले में गुरुवार को एसीबी की टीम ने होटवार जेल जाकर तत्कालीन खेल मंत्री बंधु तिर्की से पूछताछ की. बंधु तिर्की के जेल में होने की वजह से एसीबी ने उनसे जेल में जाकर पूछताछ के लिए न्यायालय से अनुरोध […]
जांच: एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम पहुंची हाेटवार जेल
रांची : नेशनल गेम्स गड़बड़ी के सिलसिले में गुरुवार को एसीबी की टीम ने होटवार जेल जाकर तत्कालीन खेल मंत्री बंधु तिर्की से पूछताछ की. बंधु तिर्की के जेल में होने की वजह से एसीबी ने उनसे जेल में जाकर पूछताछ के लिए न्यायालय से अनुरोध किया था. न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद एसीबी की टीम उनसे पूछताछ करने पहुंची.
पूछताछ की पुष्टि एसीबी के अधिकारियों ने की है. बताया जाता है कि आरंभिक पूछताछ के दौरान बंधु तिर्की ने कोई खास जानकारी नहीं दी. उन्होंने विस्तार से जानकारी देने के लिए एसीबी के अधिकारियाें से समय मांगा है. जल्द ही बंधु तिर्की से एसीबी कार्यालय में दोबारा पूछताछ हो सकती है. नहीं आने पर एसीबी उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस भेजेगी.
स्क्वैश काेर्ट निर्माण में गड़बड़ी का अाराेप : नेशनल गेम्स के दौरान धनबाद में दो स्क्वैश कोर्ट के निर्माण में संबंधित वित्तीय अनियमितता की बात पूर्व में सामने आ चुकी है. दोनों स्क्वैश कोर्ट के निर्माण का काम मुंबई की जाइरेक्स इंटरप्राइजेज नामक कंपनी को दिया गया था.
कंपनी ने 1,44,32,850 रुपये का प्राक्कलन प्रस्तुत किया. आयाेजन समिति के महासचिव एसएम हासमी ने चार अक्तूबर, 2008 को कला संस्कृति विभाग के सचिव को प्राक्कलित राशि का आवंटन स्क्वैश रैकेट फेडरेशन ऑफ इंडिया को देने का अनुरोध किया.
उक्त प्रस्ताव पर निदेशक एवं सचिव की अनुशंसा के बाद विभागीय मंत्री के पास अनुमोदन की फाइल भेजी गयी. संबंधित फाइल काे 20 अक्तूबर, 2008 को तत्कालीन खेलमंत्री बंधु तिर्की ने अनुमोदित कर दिया था. इसी आधार पर बाद में जाइरेक्स इंटरप्राइजेज को स्क्वैश कोर्ट निर्माण के लिए 1,44,32,850 रुपये के भुगतान का नीतिगत निर्णय लिया गया.
घटनाेत्तर स्वीकृति नहीं ली : 11 दिसंबर, 2008 को स्क्वैश फेडरेशन ने महासचिव एसएम हाशमी को पत्र लिख कर अनुरोध किया गया कि राशि सीधे जाइरेक्स कंपनी को उपलब्ध करायी जाये.
उक्त पत्र के बाद तत्कालीन सचिव ने निदेशक को निर्देश दिया था कि एनजीओसी की कार्यकारिणी कमेटी के निर्णय की प्रत्याशा में अविलंब कार्रवाई की जाये और घटनोत्तर स्वीकृति ले ली जाये. इसके बाद कंपनी को अग्रिम 50 लाख रुपये दिये गये, लेकिन बाद में रुपये भुगतान से संबंधित प्रस्ताव की घटनोत्तर स्वीकृति नहीं ली गयी, इस कारण मामले में वित्तीय अनियमितता की बात सामने आयी थी.
स्क्वैश काेर्ट निर्माण में गड़बड़ी का अाराेप
हाइकाेर्ट ने एसीबी को छह माह की माेहलत दी है
झारखंड हाइकाेर्ट ने नेशनल गेम्स गड़बड़ी की जांच के लिए एसीबी काे छह माह का समय दिया है. झारखंड हाइकाेर्ट में गड़बड़ी के आराेपी मधुकांत पाठक की जमानत याचिका पर सुनवाई के दाैरान हाइकाेर्ट ने जांच पूरी नहीं हाेने पर नाराजगी जतायी थी.
काेर्ट ने इस पर भी नाराजगी जतायी थी कि इस मामले में कुछ आराेपियाें काे ताे गिरफ्तार कर लिया गया है, पर टेंडर कमेटी के अन्य सदस्याें से अब तक पूछताछ भी नहीं हुई है. काेर्ट ने कहा था : क्याें न इस मामले की जांच सीबीआइ से करायी जाये. हाइकाेर्ट ने इस मामले में एसीबी के एडीजी काे तलब भी किया था.
आय से अधिक संपत्ति मामले में बंधु को मिली जमानत
आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मंत्री बंधु तिर्की को हाइकोर्ट से राहत मिल गयी है. जस्टिस एबी सिंह की अदालत ने गुरुवार को मामले की सुनवाई के बाद श्री तिर्की को जमानत प्रदान करने का निर्देश दिया. बंधु तिर्की को सीबीआइ ने 12 दिसंबर को बनहोरा स्थित आवास से गिरफ्तार किया था.
बंधु तिर्की के अधिवक्ता एके कश्यप ने बताया कि श्री तिर्की पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप है. उन्होंने कहा कि सीबीआइ ने अनुसंधान में पाया था कि बंधु के पास आय से अधिक संपत्ति के निर्धारित दायरे से कम संपत्ति है, इसलिए सीबीआइ ने चार्जशीट नहीं किया था. अधिवक्ता कश्यप ने कहा कि लोअर कोर्ट ने इस फाइनल रिपोर्ट को नहीं माना और संज्ञान ले लिया था.
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