मुंबई : रवनीत सिंह गिल को निजी क्षेत्र के यस बैंक का प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चुना गया है. गिल फिलहाल डॉयचे बैंक इंडिया के प्रमुख हैं. वह यस बैंक में राणा कपूर का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 31 जनवरी को समाप्त हो रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले साल सितंबर में कपूर को इस महीने के अंत तक पद छोड़ने का निर्देश दिया था. कपूर अपनी निकट संबंधी बिंदू कपूर के साथ बैंक के प्रवर्तकों में शामिल हैं.
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यस बैंक ने बयान में कहा कि बैंक को नये प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी के रूप में गिल की नियुक्ति के लिए रिजर्व बैंक की मंजूरी मिल गयी है. गिल एक मार्च, 2019 या उससे पहले पदभार संभाल सकते हैं. बयान में कहा गया है कि बैंक के निदेशक मंडल की 29 जनवरी को बैठक होगी, जिसमें इस अंतरिम बदलाव को अंतिम रूप दिया जायेगा. इस घोषणा के बाद बंबई शेयर बाजार में यस बैंक का शेयर 14.5 फीसदी बढ़कर 225.95 रुपये पर पहुंच गया.
यहां उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक के कदम के बाद बैंक के शेयर के मूल्य में करीब दो-तिहाई की गिरावट आयी थी. गुरुवार को बैंक के शेयर में दर्ज तेजी के बाद भी शेयर मूल्य उसके 52 सप्ताह के उच्चस्तर से करीब 40 फीसदी नीचे है. हालांकि, रिजर्व बैंक ने कपूर को तीन साल के नये कार्यकाल की मंजूरी नहीं देने की कोई विशेष वजह नहीं बतायी थी और उन्हें 31 जनवरी तक पद छोड़ने को कहा था.
माना जा रहा है कि कपूर के कार्यकाल के दौरान बैंक द्वारा दो साल के लिए डूबे कर्ज को कम कर दिखाने के लिए यह कदम उठाया गया था. यस बैंक और निजी क्षेत्र के एक अन्य बैंक एक्सिस बैंक ने दो लगातार वित्त वर्षों के दौरान अपनी गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) को कुल मिलाकर 10,000 करोड़ रुपये कम कर दिखाया था. रिजर्व बैंक ने एक्सिस बैंक के प्रबंधन में भी बदलाव किया.
एक्सिस बैंक की प्रमुख शिखा शर्मा ने भी पिछले महीने के अंत में पद छोड़ दिया. रिजर्व बैंक द्वारा कपूर के कार्यकाल को बढ़ाने की मंजूरी नहीं दिये जाने के बाद बैंक ने इरडा के पूर्व चेयरमैन टीएस विजयन की अगुआई में उनके उत्तराधिकारी की तलाश के लिए समिति बनायी थी. इस उत्तराधिकारी खोज समिति में भी बीच में कई इस्तीफे हुए. बैंक के गैर-कार्यकारी चेयरमैन अशोक चावला ने एक भ्रष्टाचार मामले में नाम आने के बाद इस्तीफा दे दिया. एसबीआई के पूर्व चेयरमैन ओपी भट्ट ने भी बीच में ही समिति से इस्तीफा दे दिया.
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