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सरकार बनी तो 2021 में भाजपा करायेगी जाति आधारित जनगणना : मोदी

पटना : उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वर्ष 2021 में भाजपा सरकार में रहेगी, तो जाति आधारित जनगणना करवायेगी. 1931 के बाद यह पहला मौका होगा, जब देश में जाति आधारित जनगणना होगी. जाति आधारित जनगणना के बाद जिस जाति की आबादी जितनी प्रतिशत होगी, उसे उतना आरक्षण देने से संबंधित पहल […]

पटना : उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वर्ष 2021 में भाजपा सरकार में रहेगी, तो जाति आधारित जनगणना करवायेगी. 1931 के बाद यह पहला मौका होगा, जब देश में जाति आधारित जनगणना होगी. जाति आधारित जनगणना के बाद जिस जाति की आबादी जितनी प्रतिशत होगी, उसे उतना आरक्षण देने से संबंधित पहल भी की जायेगी. जरूरत पड़ी, तो सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक भी जायेगी. जाति की जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का प्रतिशत भी तय होना चाहिए.

वह बुधवार को शहर के रवींद्र भवन में आयोजित जननायक कर्पूरी ठाकुर की 95वीं जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना के बाद पिछड़े और एससी-एसटी वर्ग के लोगों को अभी मिलने वाले अधिकतम 50 फीसदी कोटा का दायरा भी बढ़ेगा. इसके अलावा पंचायत और नगर निकाय चुनाव में भी पिछड़ा वर्ग का कोटा बढ़ाया जायेगा और आरक्षण देने का यह काम भाजपा ही कर सकती है. कांग्रेस पार्टी ने तो आज तक पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि 1976 में कर्पूरी ठाकुर ने अपने कार्यकाल के दौरान पिछड़ों और अतिपिछड़ों को 26 प्रतिशत के साथ सवर्णों को भी तीन फीसदी आरक्षण देने का काम किया था, लेकिन इस प्रावधान को 1992 में राजद की सरकार ने खत्म कर दिया. आज वहीं लोग सवर्ण आरक्षण का विरोध कर रहे हैं. राजद पर हमला करते हुए कहा कि कर्पूरी ठाकुर के सपनों को तोड़ने का काम एकमात्र पार्टी ने किया है.

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 2011 में करायी गयी एसइसीसी (सामाजिक-आर्थिक जाति आधारित जनगणना) की रिपोर्ट को कोई सरकार सार्वजनिक नहीं कर सकती है. इसमें इतनी गड़बड़ी है कि इसे सार्वजनिक करना संभव नहीं है. ऐसे में भाजपा सरकार ने 2021 में जाति आधारित जनगणना कराने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा पार्टी सबका साथ, सबका विकास के नारे पर चलती है. इसमें ऊंची जाति के गरीब की चिंता से लेकर पिछड़ा, अति-पिछड़ा और एससी-एसटी वर्ग तक के लोगों की चिंता समाहित है. मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने का काम भी भाजपा ने किया है. मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अति-पिछड़ा वर्ग के तेली समुदाय से आते हैं. मंडल आयोग का गठन भी भाजपा की सरकार ने ही किया था.

उन्होंने कहा कि राजद और कांग्रेस ने हमेशा पिछड़ों और सवर्णों का विरोध किया है. भाजपा की सरकार ही जब-जब सत्ता में रही, तब-तब उसने आरक्षण देने और पिछड़े वर्ग को खास ध्यान देने का काम किया है. कांग्रेस पार्टी ने कभी पिछड़ों के लिए आयोग बनाने की पहल नहीं की. यूपीए की सरकार में लालू प्रसाद केंद्र में मंत्री थे, फिर भी आयोग का गठन नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 25 अतिपिछड़ों को टिकट दिया, जिसमें 12 जीत कर आये. जबकि, राजद ने सिर्फ पांच टिकट दिया, जिसमें तीन जीत कर आये. राजद ने एक भी भूमिहार और कायस्थ को टिकट नहीं दिया था.

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