<p>हिंदी फ़िल्मों के सबसे बहुमुखी अभिनेताओं में गिने जाने वाले नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी का कहना है कि जो अभिनेता बायोपिक फ़िल्मों में मिमिक्री करते हैं, वो सबसे घटिया अभिनेता होते है. ऐसे अभिनेताओं को बायोपिक फ़िल्मों में काम नहीं करना चाहिए. </p><p>बॉलीवुड में हाल के वर्षों में बायोपिक फ़िल्मों का चलन बढ़ा है. नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी भी शिवसेना के पूर्व प्रमुख बाल ठाकरे के जीवन पर आधारित फ़िल्म ‘ठाकरे’ में मुख्य किरदार निभा रहे हैं. </p><p>नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी ने बीबीसी से ख़ास बातचीत में कहा कि बाला साहब ठाकरे का किरदार निभाना उनके लिए बहुत बड़ी चुनौती था. इसकी वजह ये है कि लोगों ने बाला साहब को देखा है, उनके भाषण सुनें हैं. इसलिए लोग आसानी से आकलन कर सकते हैं. इसलिए वो इस किरदार को निभाते वक़्त मिमिक्री करने से बचे हैं. </p><p>नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी ने कहा, "मैं उनकी मिमिक्री तो नहीं कर सकता. बस उनका इम्प्रेशन दे सकता हूं. जो अभिनेता मिमिक्री करते है आवाज़ बदलते हैं. उनसे घटिया एक्टर कोई नहीं होता. उन्हें बायोपिक करनी ही नहीं चाहिए. ये फ़िल्म के लिए श्राप है."</p><h1>अभिनेता की कोई विचारधारा नहीं होती</h1><p>बाला साहब ठाकरे हिंदुत्ववादी माने जाते थे. उनकी विचारधारा से सहमति के सवाल पर नवाज़ुद्दीन ने स्पष्ट किया कि वो एक अभिनेता हैं और उनका काम अभिनय करना है. </p><p>नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी ने कहा कि सिर्फ़ भारत में ही इन सब बातों पर हल्ला मचता है. लोग पूछते हैं कि बतौर मुसलमान वो ये फ़िल्म क्यों कर रहे हैं, जिसका जवाब है, " मैं ये भी करता हूं और गणेश गायतोंडे (सेक्रेड गेम्स) भी करता हूं और यही मेरी काम है."</p><p>नवाज़ुद्दीन का मानना है कि एक अभिनेता की कोई विचारधारा नहीं होनी चाहिए. एक अभिनेता को पानी की तरह साफ़ होना चाहिए, जिसे किसी भी सांचे में ढाला जा सके.</p><p>नवाज़ुद्दीन आज जिस जगह पर हैं, वहां पहुंचने के लिए उन्होंने लंबा सफ़र किया है. ऐसे में क्या वो चाहेंगे कि उन पर बायोपिक बने, ये पूछने पर नवाज़ुद्दीन कहते हैं, "मेरी फ़िलहाल कोई औकात नहीं है कि मुझ पर बायोपिक बने. हो जाएगी तब देखा जाएगा."</p><p>नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी का विवादों से भी नाता रहा है. अक्सर उनके नाम के साथ कोई विवाद जुड़ जाता है. लेकिन वो बताते हैं कि अब विवादों को लेकर उन्हें परेशानी नहीं होती. </p><p>वो कहते हैं, " अब तो हर आदमी के साथ विवाद हो जाता है. ख़ासकर सेलिब्रिटी ज़रा सा कुछ बोल दे तो लोग लाठी डंडा लेके पीछे पड़ जाते हैं. कभी कभी लगता है यहां छोड़कर दक्षिण भारत चले जाएं. वहां कलाकारों का बहुत सम्मान है."</p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/entertainment-42452782">यूपी के नवाज़ुद्दीन, महाराष्ट्र के ‘बाल ठाकरे'</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/entertainment-46702365">’ठाकरे’ के ट्रेलर में बाल ठाकरे का कितना सच, कितना झूठ?</a></p><p><strong>'</strong><strong>बॉलीवुड को </strong><strong>प</strong><strong>ता है मेरी कीमत</strong><strong>'</strong></p><p>नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी को जहां 2018 में ‘सेक्रेड गेम्स’ और ‘मंटो’ में दर्शकों की तारीफ़ मिली तो वो ‘जीनियस’ जैसी फ़्लॉप फ़िल्म का हिस्सा भी रहे. </p><p>इस पर नवाज़ुद्दीन कहते हैं," मैं जीनियस इसलिए करता हूं ताकि मंटो मैं फ्री में कर सकूं." </p><p>नवाज़ुद्दीन का कहना है कि फ़िल्म इंडस्ट्री को एक अभिनेता का मूल्य पता होता है और उसी हिसाब से उन्हें किरदार दिए जाते है. </p><p>नवाज़ का कहना है कि उनकी हर फ़िल्म के बाद उनका रेट बढ़ता है और फ़िल्म इंडस्ट्री की ख़ासियत है कि उन्हें मांगने की ज़रूरत नहीं पड़ती. उन्हें मिल जाता. है. </p><p>हिंदी फ़िल्मों में अनोखा स्टारडम हासिल कर चुके नवाज़ुद्दीन का कहना है कि वो बॉलीवुड के ‘नए ख़ान’ नहीं हैं. वो नवाज़ ही रहना चाहते हैं.</p><p>अभिजीत पांसे के निर्देशन में बनी बायोपिक ‘ठाकरे’ में नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी के साथ नज़र आएंगी अमृता राव. ये फ़िल्म 25 जनवरी को रिलीज़ होगी.</p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/entertainment-46916979">नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार खुद की सेंसरशिप क्यों चाहती हैं</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/entertainment-45493335">फिर किताब लिखूंगा और इस बार झूठ लिखूंगा: नवाज़ुद्दीन </a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/entertainment-44727123">’मैं ऐसा रोल करना चाहता हूं जो दूसरों के लिए ड्रीम हो जाए'</a></p><p>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप <a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a> कर सकते हैं. आप हमें <a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a>, <a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a>, <a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a> और <a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</p>
नवाज़ुद्दीन ने ठाकरे की विचारधारा पर क्या कहा
<p>हिंदी फ़िल्मों के सबसे बहुमुखी अभिनेताओं में गिने जाने वाले नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी का कहना है कि जो अभिनेता बायोपिक फ़िल्मों में मिमिक्री करते हैं, वो सबसे घटिया अभिनेता होते है. ऐसे अभिनेताओं को बायोपिक फ़िल्मों में काम नहीं करना चाहिए. </p><p>बॉलीवुड में हाल के वर्षों में बायोपिक फ़िल्मों का चलन बढ़ा है. नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी भी […]
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