फरवरी के पहले सप्ताह में दल और उम्मीदवार के नाम भी सामने आ जायेंगे, यहां भी हैं टिकट के कई दावेदार
पटना : समस्तीपुर सुरक्षित लोकसभा सीट से इस बार भी लोजपा का मुकाबला कांग्रेस से होने के आसार हैं. पिछली बार की तरह उम्मीदवार भी एक ही होंगे. फरवरी के पहले सप्ताह में दल और उम्मीदवार के नाम भी सामने आ जायेंगे. एनडीए के भीतर यह सीट लोजपा की रही है. लोजपा को इस बार भी सीट मिली तो मौजूदा सांसद रामचंद्र पासवान ही उम्मीदवार होंगे. दूसरी ओर महागठबंधन में पिछली बार सह सीट कांग्रेस को मिली थी. कांग्रेस ने पूर्व मंत्री डाॅ अशोक कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया था. डाॅ अशोक कुमार दूसरे नंबर पर रहे थे. इस बार भी कांग्रेस को यह सीट मिली तो डाॅ अशोक कुमार ही उम्मीदवार होंगे, इसकी संभावना अधिक है. डाॅ कुमार पार्टी में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष हैं.
पिछले चुनाव में जदयू ने मंत्री महेश्वर हजारी को उम्मीदवार बनाया था. भाजपा की लहर में रामचंद्र पासवान चुनाव जीत गये और उन्हें 2,70391 वोट मिले थे. उनके मुकाबले दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के डाॅ अशोक कुमार को 2,63529 और तीसरे स्थान पर रहे जदयू के महेश्वर हजारी को 200120 वोट मिले थे. इस बार जदयू एनडीए के साथ खडा है. ऐसे में रामचंद्र पासवान का मुकाबला राजद-कांग्रेस के गठबंधन के उम्मीदवार से होने की संभावना है. पूर्व में रोसड़ा संसदीय सीट के नाम से चर्चा में रहे इस इलाके में कांग्रेस का भी प्रभाव रहा है़ डॉ अशोक कुमार के पिता बालेश्वर राम यहां से सांसद और नेहरू कैबिनेट में मंत्री भी रहे चुके हैं.
जातीय समीकरण में सेंधमारी से मिलती है सफलता
इलाके के लोग बताते हैं कि समस्तीपुर सुरक्षित संसदीयसीट पर जीत के लिए जातीय ध्रुवीकरण से अधिक जरूरी जातीय समीकरण में सेंधमारी है़छह विधानसभा सीट को मिलाकर बने इस संसदीय क्षेत्र का दो विधानसभा क्षेत्र कल्याणपुर और रोसड़ा सुरक्षित है़ इस संसदीय क्षेत्र में भी सबसे अधिक तीन लाख 90 हजार से अधिक कुशवाहा वोटर है़ं दूसरे नंबर पर ढाई लाख से अधिक पासवान वोटर हैं, उसके बाद तीसरे नंबर यादव वोटर हैं. इनकी संख्या भी सवा दो लाख के आसपास है़ इसके अलावा सवर्ण, मुस्लिम और पचपनिया वोटर भी है़ं
पिछले चुनाव में रामचंद्र पासवान हुए थे विजयी
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर लोजपा के रामचंद्र पासवान ने कांग्रेस के डॉ़ अशोक कुमार को पराजित कर जीत हासिल की थी.जदयू के प्रत्याशी महेश्वर हजारी तीसरे स्थान पर थे़ उस चुनाव में लोजपा को 31.33 प्रतिशत, कांग्रेस को 30.53 प्रतिशत मिले थे़ 3.38 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया था़ नोटा पर बटन दबाने वाले वोटरों की संख्या 29211 थी़ वर्ष 2008 के नये परिसीमन में इस सीट को सुरक्षित किया गया. इससे पूर्व वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से राजद के आलोक कुमार मेहता विजय हुए थे.
इनपुट : समस्तीपुर से अभय सिंह