तिरुचिरापल्ली : रक्षा उत्पादों के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में आगे बढ़ते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को तमिलनाडु में एक रक्षा औद्योगिक गलियारे का उदघाटन किया. इस गलियारे के दायरे में रक्षा साजो-सामान की विनिर्माण इकाइयां स्थापित की जायेंगी.
इससे इस क्षेत्र में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश आने की उम्मीद है. तमिलनाडु रक्षा औद्योगिक गलियारे को तमिलनाडु रक्षा उत्पादन चतुर्भुज भी कहा जाता है. इसके नोडल शहर आपस में जुड़कर एक चर्तुभुज का निर्माण करते हैं. इन शहरों में चेन्नई, होसुर, सालेम, कोयम्बटूर और तिरुचिरापल्ली आते हैं. देश में सरकार द्वारा स्थापित यह दूसरा रक्षा औद्योगिक गलियारा है. इससे पहले ऐसा ही एक गलियारा उत्तर प्रदेश में बनाया गया है जहां सरकार रक्षा विनिर्माण इकाइयां लगाने के लिए मदद करेगी. इस गलियारे के उदघाटन के मौके पर कुल 3,038 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा हुई. निवेश में बड़ा हिस्सा सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा कंपनियों का है. आयुध निर्माणी बोर्ड ने 2,305 करोड़ रुपये, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने 140.5 करोड़ रुपये और भारत डायनमिक्स लिमिटेड ने 150 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है. निजी क्षेत्र की टीवीएस, डाटा पैटर्न्स और अल्फा डिजाइंस क्रमश: 50 करोड़ रुपये, 75 करोड़ रुपये और 100 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी. वैश्विक रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने भी इस गलियारे में निवेश की इच्छा जतायी है.
सीतारमण ने कहा कि इसको लेकर स्थानीय उद्योग की प्रतिक्रिया काफी उत्साहनक रही है. वे तो यहां तक चाहते थे कि इस गलियारे का विस्तार पलक्कड़ तक किया जाये, लेकिन हमने उनसे कहा है कि अभी यह सिर्फ शहरों तक केंद्रित रहेगा. उन्होंने कहा कि ये रक्षा गलियारे देश में एक पूर्णनियोजित और प्रभावी औद्योगिक आधार तैयार करने में मदद करेंगे जो देश को रक्षा उत्पादन में आगे ले जायेगा. रविवार को हुए इस उदघाटन कार्यक्रम में करीब 500 उद्योग प्रतिनिधि शामिल हुए. तमिलनाडु सरकार के कई मंत्री और अधिकारी एवं रक्षा मंत्रालय और सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा कंपनियों के कई वरिष्ठ अधिकारी इसमें शामिल हुए. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले साल अपने बजट भाषण में दो रक्षा औद्योगिक उत्पादन गलियारे स्थापित करने की घोषणा की थी. सरकार ने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में गलियारा बनाने का लक्ष्य रखा था. पिछले साल 11 अगस्त को उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे की शुरुआत अलीगढ़ से हुई थी. इसके तहत रक्षा उत्पादन में 3,732 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की गयी थी.