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कोलकाता : यौन अपराधों के लिए और सख्त हो कानून
कोलकाता : यौन शोषण के मामलों में अपराधियों के लिए सौ फीसदी सजा की मांग करते हुए डिग्निटी मार्च महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, पाॅन्डिचैरी, तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा होती हुई कुल दस हजार किमी यात्रा तय कर आज कोलकाता पहुंच गयी. डिग्निटी मार्च के आयोजक आशिफ शेख ने बताया, हमें यौन शोषण से पीड़ित […]
कोलकाता : यौन शोषण के मामलों में अपराधियों के लिए सौ फीसदी सजा की मांग करते हुए डिग्निटी मार्च महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, पाॅन्डिचैरी, तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा होती हुई कुल दस हजार किमी यात्रा तय कर आज कोलकाता पहुंच गयी.
डिग्निटी मार्च के आयोजक आशिफ शेख ने बताया, हमें यौन शोषण से पीड़ित लोगों का सहयोग चाहिए. वह कहते हैं कि सरकारों ने इस समस्या को हल करने के लिए कानून बनाये हैं, लेकिन समय आ गया है कि इसके खिलाफ सख्त कदम उठाये जायें.
श्री शेख कहते हैं कि महिलाओं व बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन उत्पीड़न को समाप्त करने के उद्देश्य सेेेे इस मार्च का आयोजन किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि नेशनल क्राइम रिकाॅर्ड ब्यूरो 2016 के आंकड़ों के अनुसार भारत में तस्करी किये जाने वाले 15,379 पीड़ितों में कुल 58.7 फीसदी बच्चे थे. उनमें से ज्यादातर बच्चों को काॅमर्शियल यौन शोषण के लिए चुराया गया. ये आंकड़े पश्चिम बंगाल में बच्चों की गंभीर तस्वीर पेश करते हैं.
आंकड़ों के अनुसार, 2012 में बच्चों के साथ होने वाले अपराध के मामले 1706 थे, जो 2016 में 311 फीसदी बढ़ कर 7004 पर पहुंच गये. वह दावा करते हैं कि पश्चिम बंगाल 2016 में महिलाओं के साथ हुए अपराधों की प्रतिशतता के आधार पर दूसरे स्थान पर है.
कार्यक्रम में आशिफ शेख, कन्वेनर, राष्ट्रीय गरिमा अभियान, डिग्निटी मार्च तथा बलात्कार व यौन उत्पीड़न से उबरे पीड़ितों ने हिस्सा लिया, जिन्होंने ऐसे मामलों में रिपोर्ट दर्ज करने और कार्रवाई के महत्व पर रोशनी डाली.
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