नयी दिल्ली : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार देश भर में वक़्फ सम्पत्तियों का समाज के शैक्षणिक-आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सदुपयोग करने के अभियान को सफलता से आगे बढ़ा रही है . वक्फ सम्पत्तियों के सम्बन्ध में नए दिशानिर्देशों के लिए जस्टिस (सेवानिवृत) ज़कीउल्लाह खान के नेतृत्व में गठित पांच सदस्यीय कमेटी द्वारा नकवी को अपनी रिपोर्ट सौंपी गई.
इस मौके पर नकवी ने कहा, ‘‘पहली बार "प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम" के तहत अल्पसंख्यक मंत्रालय ने देश भर में वक्फ सम्पत्तियों पर स्कूल, कॉलेज, आईटीआई, कौशल विकास केंद्र, बहु-उदेशीय सामुदायिक केंद्र "सद्भाव मंडप", "हुनर हब", अस्पताल, व्यावसायिक केंद्र आदि का निर्माण कराया है.” उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए देश के सिर्फ 100 जिलों तक सीमित विकास योजनाओं का विस्तार "प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम" के अंतरगर्त 308 जिलों में कर दिया है.
नकवी ने कहा कि “प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम” में देश के 308 जिले, 870 ब्लॉक, 331 शहर, हजारों गांव कवर किये गए हैं. इससे वक्फ सम्पत्तियों का इस्तेमाल समाज की तरक्की के लिए किये जाने में कामयाबी मिली है. देशभर में लगभग 5.76 लाख रजिस्टर्ड वक्फ संपत्तियां हैं. मंत्री ने कहा, ‘‘ मुझे पूरा भरोसा है कि कमेटी की रिपोर्ट की सिफारिशें वक्फ संपत्तियों के सदुपयोग एवं दशकों से विवाद में फंसी सम्पत्तियों को विवाद से बाहर निकालने के लिए वक्फ नियमों को सरल एवं प्रभावी बनाएगी.
केंद्र सरकार इस कमेटी की सिफारिशों का अध्ययन कर आवश्यक कदम उठाएगी.” उन्होंने कहा कि सरकार वक़्फ सम्पत्तियों का समाज के शैक्षिक-आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सदुपयोग करने के अभियान को सफलता से आगे बढ़ा रही है. नकवी ने कहा कि सेंट्रल वक्फ रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण हेतु राज्य वक्फ बोर्डों को आर्थिक मदद दे रही है ताकि सभी राज्य वक्फ बोर्ड, वक्फ सम्पत्तियों के डिजिटलाइजेशन का काम तय समय सीमा में पूरा कर सकें. 90 प्रतिशत वक्फ सम्पत्तियों का डिजिटलीकरण पूरा हो गया है और बाकि का भी डिजिटलीकरण जल्द हो जाएगा.”