लखनऊ : उत्तर प्रदेश में शनिवार को बने महागठबंधन से खुद को अलग रखे जाने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने के लिए रविवार को एक बैठक की. इस बैठक में उत्तर प्रदेश इकाई के प्रभारी गुलाम नबी आजाद और प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने भी शिरकत की.
बैठक के बाद गुलाम नबी ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश को आजादी दिलायी. गांधी जी के बाद नेहरू जी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी देश के सभी वर्गों को साथ लेकर चली. भाजपा ने हमेशा हमारे द्वारा किये गये कामों पर सवाल उठाया है, जबकि हमने आजादी के बाद देश के बिखरे प्रदेशों को एकत्र करने का काम किया.
गुलाम नबी ने आगे कहा कि कांग्रेस ने बीते 70 सालों से देश के लिए काम किया. आजादी के पहले से ही हमने किसानों के उत्थान के लिए, किसानों की रोजी रोटी के लिए काम किया। इसका सबसे बड़ा उदाहरण चम्पारण आंदोलन है जिसमें गांधी जी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि आजादी के पहले भी हम किसानों महिलाओं नौजवानों के लिए काम किया और आजादी के बाद भी. हम भाजपा की तरह झूठे वादे नहीं करते हैं. हम लोगों को तोड़ते नहीं बल्कि जोड़ने का काम करते हैं.
लोकसभा चुनाव के संबंध में उन्होंने कहा कि हम यह चुनाव डटकर लड़ेंगे. भाजपा और कांग्रेस की लड़ाई सिद्धांतों की है. लोकसभा चुनाव राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. भाजपा के खिलाफ लड़ाई में हमारी मदद करने वाले दलों का समर्थन जरूर लेंगे क्योंकि यह हमारी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है बल्कि सिद्धांतों की लड़ाई है, भारत को एक रखने की लड़ाई है.
गुलाम नबी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी. हालांकि अगर कोई धर्मनिरपेक्ष पार्टी उत्तर प्रदेश में हमारे साथ चलने को तैयार है और भाजपा से लड़ने में सक्षम हो तो हम उसे समायोजित करेंगे.
बैठक के बारे में कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रभारी गुलाम नबी आजाद और प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने लोकसभा चुनाव की रणनीति को लेकर पार्टी राज्य मुख्यालय पर गहन विचार मंथन किया. कांग्रेस को घोषित सपा-बसपा के महागठबंधन में शामिल नहीं किया गया है. अलबत्ता, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अमेठी सीट और उनकी मां सोनिया गांधी की रायबरेली सीट छोड़ दी गयी है. इन दोनों सीटों पर गठबंधन के दोनों दल अपने अपने उम्मीदवार नहीं उतारेंगे.
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने आज बताया कि महागठबंधन से अलग रखे जाने के बाद इस बात की संभावनाएं काफी बढ़ गयी हैं कि कांग्रेस सूबे में अपने बलबूते पर ही लोकसभा चुनाव लड़ेगी. सपा बसपा गठबंधन को लेकर कांग्रेस की तरफ से कोई तीखी या नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आयी है. पार्टी के प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह गठबंधन को लेकर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से विचार-विमर्श के बाद ही इस बारे में कोई बात कही जाएगी.
हालांकि कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी को उपेक्षित करना ‘बहुत खतरनाक भूल’ हो सकती है. उनका कहना था कि सभी विपक्षी दलों की यह कोशिश होनी चाहिए कि वह भाजपा को हराने के लिए एकजुट हों.