आसनसोल : मकर संक्रांति की महक बाजार से आने लगी है. विभिन्न तरह के तिलकूट, बादाम पट्टी, लाई आदि की खुशबू से बाजार की फिजा सराबोर है. लोग इसकी खूब खरीदारी कर रहे हैं. आसनसोल, बर्नपुर, कुल्टी, जामुड़िया, बराकर सहित शिल्पांचल के विभिन्न बाजारों में दुकानें सज गयी है. कई मिठाई व किराने दुकानों पर भी तिलकुट बिक रहा है.
चीनी, गुड़ व खोवा तिलकुट
बाजार में तीन तरह के तिलकुट मिल रहे हैं, चीनी गुड़ (गन्ना) और खोआ का तिलकुट. चीनी वाला चीनी की चासनी और गुड़ वाला गुड़ की चासनी में भूने तिल को मिलाकर बनाया जाता है. खोआ भर कर बनाया जाता है.
दुकानदार राजेश कुमार के मुताबिक अधिकतर लोग चीनी और गुड का तिलकुट ही ले जाते हैं. खोआ तिलकुट के खरीदार अभी कम आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति के बाद भी इसकी मांग रहती है. पूरे जनवरी इसकी बिक्री होती है. उसी हिसाब से माल तैयार हो रहे हैं.
अगहन बीत चुका है. किसानों के घर में नया-नया धान आने से नये धान के चूड़े की खुशबू बाजार में अभी से आने लगी है. मकर संक्रांति पर बिहारियों में दही-चूड़ा खाने की परंपरा रही है. इसलिए चूड़ा की मांग भी रहती है. बाजार में नया चूड़ा आ गया है. इस समय बासमती चूड़ा 55 रुपये प्रति किलो और पतला चूड़ा 45 रुपये प्रति किलो है. लोग रोज खाने के लिए पतला चूड़ा ही लेते है. पर्व को देखते हुए बासमती चूड़ा भी बिक्री भी हो रही है.
सफेद व काला तिल का लड्डू
मकर संक्राति के मद्देनजर तिल के लड्डू की मांग भी खूब रहती है. यह लड्डू काला और सफेद दोनों तिल से बनते हैं. इसे गुड़ की चासनी में भूना तिल डालकर बनाया जाता है. 40 रुपये प्रति पैकेट के हिसाब से दोनों तिल की बिक्री हो रही है. एक पैकेट में 40 लड्डू रहते हैं.
चूड़ा व मूढ़ी के लड्डू
मकर संक्रांति पर लोग चूड़ा व मूढ़ी का लड़्डू भी खाना पसंद करते हैं. इसमें संक्रांति के निमित तिल के दो-चार दाने डाल दिये जाते हैं. बिना तिल डाले भी यह लड्डू बनते हैं. ऐसे लड्डू दुकानों में आकर्षक पैकेट में दिखने लगे हैं. यह 20 रुपये प्रति पैकेट के हिसाब से मिल रहे हैं. एक पैकेट में 10 लड्डू रहते हैं.
घर ले जायें बादाम पट्टी
इस समय दुकानों और ठेले पर बादाम पट्टी भी खूब दिख रहे हैं. यह लूज और पैकेट दोनों में मिल रहे हैं. बाजार में इसके दो तरह के पैकेट उपलब्ध हैं, आधा किलो और 250 ग्राम का. यह 120 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है. लोग सर्दी भर ही इसे खाते हैं. खासकर बच्चे इसे पसंद करते हैं.