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रांची : इमरजेंसी के बाहर दलाली नहीं करने देंगे पूरी योजना के साथ आयें, तो बात करेंगे

निदेशक ने इमरजेंसी के बाहर खड़ी एंबुलेंस को हटवाया, कहा वाहन चालक मिलने पहुंचे, तो निदेशक ने दिखाया सख्ती रांची : रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह ने मंगलवार को इमरजेंसी के बाहर लगी निजी एंबुलेंस को हटाने का निर्देश दिया. रिम्स सुरक्षा कर्मी और सैप के जवानों ने निजी एंबुलेंस को इमरजेंसी के बाहर […]

निदेशक ने इमरजेंसी के बाहर खड़ी एंबुलेंस को हटवाया, कहा
वाहन चालक मिलने पहुंचे, तो निदेशक ने दिखाया सख्ती
रांची : रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह ने मंगलवार को इमरजेंसी के बाहर लगी निजी एंबुलेंस को हटाने का निर्देश दिया. रिम्स सुरक्षा कर्मी और सैप के जवानों ने निजी एंबुलेंस को इमरजेंसी के बाहर से हटवाया दिया. साइकिल स्टैंड के पास खाली जगह में वाहनों को लगवा दिया. इस पर नाराज वाहन चालकों ने हड़ताल कर दी. साथ ही रिम्स प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और वाहन पर रिम्स परिसर में स्थान दिलाने की मांग का पोस्टर लगा दिया.
इस पर निदेशक ने स्पष्ट कर दिया कि निजी एंबुलेंस संचालक इमरजेंसी के बाहर वाहन लगाकर वार्ड में जाकर दलाली करते हैं. अस्पताल परिसर में घूमते रहते हैं. वह मरीज की मौत होते ही मोल-भाव करने लगते हैं. ऐसा नहीं होने दिया जायेगा. इमरजेंसी के बाहर गाड़ी लगाकर दलाली नहीं करने दी जायेगी.
निदेशक से मिलने पहुंचे चालक : रिम्स निदेशक की ओर से सख्ती किये जाने के बाद निजी एंबुलेंस के संचालकों का प्रतिनिधिमंडल निदेशक से भी मिला. निदेशक ने कहा कि इमरजेंसी के बाहर दर्जनों की संख्या में वाहनों को नहीं लगाने दिया जायेगा. किसी भी सूरत में पहले की तरह इमरजेंसी के बाहर गाड़ी नहीं लगाने दिया जायेगा.
रिम्स इमरजेंसी के बाहर दो से तीन निजी वाहन लगाने का जगह उपलब्ध करा देगा. एंबुलेंस मल्टी स्टोरेज पार्किंग में लगायें. वाहन की बुकिंग होने व खाली हाेने पर पार्किंग से उस स्थान पर वाहन ले जाकर लगायें. इसकी पूरी योजना बनाकर आप लोग ले आयें, हम बातचीत को तैयार है.
शव ले जाने के लिए भी हुई परेशानी : निजी एंबुलेंस वाहन चालकों द्वारा हड़ताल किये जाने से रिम्स से छुट्टी कराकर घर ले जानेवाले मरीज के परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. सबसे ज्यादा परेशानी तो इलाज के दौरान मौत के बाद परिजनों को शव ले जाने के लिए हुई.
सुबह से शाम तक परिजन वाहन का इंतजाम करने में लगे रहे, लेकिन कई को वाहन नहीं मिल पाया. नवाडीह के एक मरीज जागेश्वर महतो की मौत मेडिसिन विभाग में हो गयी. परिजन को मुश्किल से शाम को एक वाहन मिल पाया. बाहर से वाहन लाने पर निजी एंबुलेंस चालक इमरजेंसी तक पहुंचने नहीं दे रहे थे.
रेडियोलॉजी विभाग में नदारद थे डॉक्टर और कर्मचारी, मांगा जायेगा स्पष्टीकरण
रांची : रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह मंगलवार सुबह 9:30 बजे अचानक रेडियोलॉजी विभाग पहुंचे. करीब आधे घंटे तक वहां बैठे, लेकिन तब तक कई डॉक्टर उस समय विभाग में नहीं पहुंचे थे. कई पीजी स्टूडेंट भी नहीं आये थे. मरीज अल्ट्रासाउंड व सीटी-एमआरआइ जांच के लिए लाइन लगाकर खड़े थे.
महिलाएं, युवती व गंभीर मरीज कुर्सी व सीढ़ी पर बैठी थीं. काफी देर इंतजार करने के बाद भी जब डॉक्टर और कर्मचारी नहीं आये, तो निदेशक ने उपस्थित पंजिका मंगाकर ड्यूटी में नहीं पहुंचे डॉक्टर व कर्मचारियाें को अनुपस्थित कर दिया. विभाग से लौटते वक्त उपस्थित डॉक्टर व कर्मचारियों को निदेशक ने कहा कि जो भी डॉक्टर व कर्मचारी आये, उन्हें मेरे पास भेज दें. जानकारी के अनुसार कई डाॅक्टर निदेशक से मिले और देर से आने की जानकारी दी. हालांकि, अनुपस्थित डॉक्टर व कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगने की तैयारी की जा रही है.
रांची : अस्पताल देर से आना है, तो ऑपरेशन टाल दें, नहीं तो प्रबंधन टाल देगा
रांची : रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह ने क्लिनिकल विभाग के डॉक्टरों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अगर ऑपरेशन में देर से आना है, तो उस दिन ऑपरेशन टाल दें. उन्होंने कहा कि अक्सर वह ऑपरेशन थिएटर जाते रहते हैं, लेकिन समय पर डाॅक्टर अॉपरेशन में नहीं मिलते हैं. एनेस्थिसिया के डाॅक्टर कहते है कि ऑपरेशन करनेवाले डॉक्टर नहीं आये हैं, इसलिए ऑपरेशन शुरू नहीं हुआ है.
मंगलवार को निदेशक ने सभी विभाग के ऑपरेशन थिएटर पहुंचे, तो कई विभाग में ऑपरेशन शुरू नहीं हो पाया था. मरीज शिफ्ट नहीं किये गये थे. हर विभाग दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहा था. इसके बाद निदेशक ने नर्सिंग सुपरिटेंडेंट को अपने कार्यालय बुलाया और नर्सों को समय का पालन कराने का निर्देश दिया. निदेशक ने अस्पताल में कार्यरत नर्सों को पूरा ब्योरा मांगा है. उन्होंने कहा कि कौन-कौन नर्स कहां सेवा दे रही हैं, इसकी जानकारी दें, जिससे जिम्मेदारी तय की जायेगी.
बिजली के अभाव में धूल फांक रही डीआर मशीन
रिम्स निदेशक ने निरीक्षण के दौरान कई कमरे खुलवाये, जिसमें मशीनें पड़ी हुई थीं. एक कमरे में डीआर मशीन पड़ी थी, जिसमें प्लास्टिक लगा हुआ था. निदेशक के पूछने पर एक कर्मचारी ने बताया कि कमरे में पड़ी मशीन तो नयी है, लेकिन बिजली का कनेक्शन नहीं होने के कारण इसका उपयाेग नहीं हो पा रहा है. निदेशक ने विभागाध्यक्ष को विभाग में मशीनों की पूरी सूची लेकर आने का निर्देश दिया है.

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