रांची : झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को रांची-जमशेदपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-33) के धीमी गति से चल रहे फोर लेनिंग कार्य को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस अनिल कुमार चाैधरी की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए नेशनल हाइवे अॉथोरिटी अॉफ इंडिया (एनएचएआइ) को निर्देश दिया कि वह फोर लेनिंग के अधूरे कार्यों को लेकर तीन चरणों के लिए जारी टेंडर प्रक्रिया को हर हाल में फाइनल कर ले.
यह कार्य लोकसभा चुनाव अधिसूचना के पूर्व हो जाना चाहिए, ताकि चुनाव अधिसूचना से टेंडर प्रभावित नहीं हो. टेंडर प्रक्रिया के तहत 23 जनवरी को निविदाएं खोली जायेंगी. इसके तीन सप्ताह बाद अर्थात 13 फरवरी तक टेंडर प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाये. वहीं खंडपीठ ने सीबीआइ को प्रारंभिक जांच का स्टेटस रिपोर्ट शपथ पत्र के माध्यम से दायर करने का निर्देश दिया. पूछा कि जांच की क्या स्थिति है.
जांच फाइनल स्टेज में पहुंचा या नहीं. खंडपीठ ने राज्य सरकार को बुंडू में एनएच के किनारे से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया. फॉरेस्ट क्लियरेंस व वाइल्ड लाइफ क्लियरेंस की प्रक्रिया भी जल्दी पूरी करने को कहा. मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी.
इससे पूर्व खंडपीठ ने पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता के शपथ पत्र को स्वीकार नहीं किया. एनएचएआइ की अोर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा ने पक्ष रखते हुए कहा कि एनएच-33 के शेष अधूरे कार्यों को चार चरणों में पूरा किया जाना है. प्रथम, द्वितीय व चतुर्थ चरण के निर्माण के लिए टेंडर जारी किया गया है. टेंडर छह दिसंबर को खोला जाना था, लेकिन उसे 23 जनवरी तक विस्तार दिया गया.
अब 23 जनवरी को टेंडर खुलेगा. इसके बाद प्रक्रिया पूरी करने में चार सप्ताह का समय लग जायेगा. वन टाइम सेटेलमेंट (अोटीएस) का मामला लंबित है. बैंक की तरफ से वरीय अधिवक्ता जय प्रकाश व राज्य सरकार की अोर से अधिवक्ता राजीव रंजन मिश्र ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि रांची-जमशेदपुर की दयनीय स्थिति व पेड़ों की कटाई को गंभीरता से लेते हुए झारखंड हाइकोर्ट ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.
एनएच-33 के पहले चरण में है रांची रिंग रोड फेज-वन व टू
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को एनएचएआइ की ओर से बताया गया कि रांची-जमशेदपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के पहले चरण में रांची रिंग रोड फेज-वन व टू कार्य शामिल हैं.
इसमें तुरुप के पास एक किमी सड़क के लिए अब तक जमीन का अधिग्रहण रांची जिला प्रशासन द्वारा पूरा नहीं किया गया है. एक किमी का फॉरेस्ट क्लियरेंस भी लंबित है. दो किमी तक सड़क निर्माण की बाधाएं दूर नहीं की गयी है. वहीं बुंडू में 40 घर अतिक्रमण की जद में आ रहे हैं. इसे अब तक हटाया नहीं गया है. इस पर राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता राजीव रंजन मिश्र ने कोर्ट को बताया कि सड़क निर्माण की बाधाएं दूर कर ली जायेंगी.
अतिक्रमण हटा लिया जायेगा. उन्होंने वन विभाग की ओर से दायर शपथ पत्र पर बताया कि उच्चस्तरीय समिति ने राष्ट्रीय राजमार्गों के चौड़ीकरण में आनेवाले पेड़ों की कटाई पर विचार किया है. इसमें 60 हजार से अधिक पेड़ों पर विचार किया गया. सरकार का पत्र सुनने के बाद कोर्ट ने उच्चस्तरीय समिति की बैठक की कार्यवाही प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.