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कोलकाता : राज्य सरकार का जूट उद्योग को बढ़ावा देने का प्रयास, सात करोड़ जूट बैग खरीदने की तैयारी

52 लाख मीट्रिक टन चावल खरीद का है लक्ष्य 46 लाख मीट्रिक टन चावल की खरीद राज्य सरकार करेगी 06 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदेगी एफसीआइ कोलकाता : राज्य में बंद होते जा रहे जूट उद्योग को पुनर्जीवित करने की दिशा में राज्य सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है. खाद्य विभाग की ओर से […]

  • 52 लाख मीट्रिक टन चावल खरीद का है लक्ष्य
  • 46 लाख मीट्रिक टन चावल की खरीद राज्य सरकार करेगी
  • 06 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदेगी एफसीआइ
कोलकाता : राज्य में बंद होते जा रहे जूट उद्योग को पुनर्जीवित करने की दिशा में राज्य सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है. खाद्य विभाग की ओर से रविवार को बताया गया है कि राज्य भर में मौजूद विभिन्न जूट मिलों से राज्य सरकार सात करोड़ जूट बैग खरीदेगी जिनमें तमाम तरह के खाद्य उत्पादों को पैक किया जायेगा.
राज्य के खाद्य तथा आपूर्ति विभाग ने बंगाल में जूट उद्योग से सात करोड़ जूट बैग खरीदने का फैसला किया है. जूट क्षेत्र को पुनर्जीवित करने की दिशा में राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है.
खाद्य विभाग की ओर से बताया गया है कि तृणमूल कांग्रेस सरकार ने बंगाल में जूट क्षेत्र को पुनर्जीवित करने और उबरने में मदद करने के लिए कई कदम उठाये हैं. तृणमूल सांसदों ने संसद में भी कई बार मुद्दा उठाया है जिसमें केंद्र से जूट क्षेत्र के बारे में नियम बनाने का आग्रह किया है.
राज्य खाद्य विभाग और आपूर्ति विभाग द्वारा नया आदेश जारी कर सात करोड़ जूट बैग खरीदने के लिए निर्देश दिया है. किसानों से चावल खरीदने के बाद पैकिंग के लिए जूट की थैली अनिवार्य कर दी गयी है. चावल खरीदने का लक्ष्य 52 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है.
इसमें से 46 लाख मीट्रिक टन राज्य सरकार और उसकी एजेंसियों द्वारा खरीदा जायेगा, जबकि छह लाख मीट्रिक टन भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) द्वारा खरीदा जायेगा. यदि एफसीआइ उस मात्रा को नहीं खरीद सकता है, तो राज्य सरकार उस को भी खरीद लेगी.
जूट एक्सपो का आज उद्घाटन करेंगी केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी
कोलकाता : केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी सोमवार को चार दिवसीय ‘आर्टिसन स्पीक एंड जूट एक्सपो’ का उद्घाटन करेंगी. 185 वर्ष पुराने करेंसी बिल्डिंग में केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में भारत और एनआइएफटी के विशिष्ट फैशन डिजाइनर्स द्वारा टेक्सटाइल एक्सपो को सोमवार व मंगलवार को पेश किया जायेगा.
भारतीय जूट, सिल्क, हैंडलूम व हस्तकला को बढ़ावा देने के लिए इस कार्यक्रम में 20 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. कार्यक्रम का उद्देश्य कपड़ा उद्योग के संबंध में जागरूकता बढ़ाना है. कपड़ा मंत्रालय के सचिव राघवेंद्र सिंह ने इसकी जानकारी दी.
उल्लेखनीय है कि देश में कृषि क्षेत्र के बाद सर्वाधिक रोजगार का सृजन कपड़ा उद्योग के जरिये ही होता है. इस सेक्टर ने अपने पांव कॉटन, जूट, सिल्क, ऊन, हस्तनिर्मित फाइबर, पावरलूम व हस्तकला में भी पसार दिये हैं. कार्यक्रम में देशी विदेशी प्रतिनिधियों के अलावा वरीय सरकारी अधिकारी तथा उद्योग जगत के भी नुमाइंदें रहेंगे.

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