नयी दिल्ली : राफेल डील पर जवाब देते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने कांग्रेस से बेहतर सौदा किया है. कांग्रेस राफेल डील को लेकर झूठ फैला रही है. मैं साधारण परिवार से हूं, हमारे प्रधानमंत्री साधारण परिवार से हैं. हमारे पास खानदान नहीं है, इसलिए हमारे ऊपर जो झूठ बोलने का आरोप लगाया जा रहा है वो गलत है, हमने देश की सुरक्षा को सर्वोपरि मानकर सौदा किया. सीतारमण ने कहा कि विपक्ष के सीनियर नेता मेरी बात नहीं सुनना चाहते हैं, यह बहुत ही निराशाजनक है. राफेल डील का मुद्दा देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला है. इसके बारे में देश को पूरी जानकारी होनी चाहिए, चाहे सत्ता में हम रहें या विपक्ष का कोई दल.
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के समय 10 वर्षों में एक भी राफेल विमान नहीं आया जबकि वर्तमान सरकार के तहत सरकारों के बीच समझौते पर 23 सितंबर, 2016 को हस्ताक्षर किया गया और पहला विमान इस तिथि से तीन साल के भीतर यानी 2019 में आ जाएगा और शेष विमान 2022 तक आ जायेंगे. राफेल विमान सौदे के मुद्दे पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने सदन में कहा कि ‘‘आपने (कांग्रेस) सौदे को रोक दिया. यह भूल गये कि वायुसेना को इसकी जरूरत है. क्योंकि यह सौदा आपको रास नहीं आया. दरअसल इससे आपको पैसा नहीं मिला.’ सीतारमण ने इस दौरान संप्रग सरकार में तत्कालीन रक्षा मंत्री के संसद भवन परिसर में दिये बयान का जिक्र किया और कहा कि तब के रक्षा मंत्री ने कहा था कि इसके लिए पैसा कहां है. उन्होंने सवाल किया कि ‘किस पैसे की बात हो रही थी’, ‘किस पैसे के कारण सौदा नहीं हुआ’ .
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल डील पर अपनी बात रखी और कहा कि मैं आपपर आरोप नहीं लगा रहा, क्योंकि मेरे पास आपके और पर्रिकर साहब पर आरोप लगाने के दस्तावेज नहीं है. लेकिन मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा आरोप लगा रहा हूं.
आप रक्षामंत्री हैं और राफेल डील पर पूरे ढाई घंटे बोली लेकिन हमारे इस प्रश्न का जवाब नहीं दिया कि HAL को हटाकर अनिल अंबानी को ठेका क्यों दिया. आपने इस बात का जवाब नहीं दिया कि आखिर जब सही दाम पर विमान मिल रहे तो आपने 36 विमान ही क्यों खरीदे 126 क्यों नहीं खरीदे. राहुल गांधी ने कहा कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद ने मुझे बताया था कि अनिल अंबानी की कंपनी का नाम भारत की तरफ से सुझाया गया था. इसे किसने सुझाया यह रक्षा मंत्री बतायें.
राफेल डील पर आज फिर लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ जिसके बाद रक्षा मंत्री ने चर्चा में भाग लेते हुए सारे आरोपों के जवाब दिये. डील के बारे में लोकसभा में अपनी बात रखते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विपक्ष के सीनियर नेता मेरी बात नहीं सुनना चाहते हैं, यह बहुत ही निराशाजनक है. राफेल डील का मुद्दा देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला है. इसके बारे में देश को पूरी जानकारी होनी चाहिए, चाहे सत्ता में हम रहें या विपक्ष का कोई दल.
Defence Minister during debate on Rafale jet deal in Lok Sabha: Congress is shedding crocodile tears for HAL. Congress govt gave 53 waivers to HAL. We have given contracts worth Rs 1 lakh crore.
— ANI (@ANI) January 4, 2019
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल मामले में कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार में रहते हुए कांग्रेस की मंशा विमान की खरीदने की नहीं थी, जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा को जोखिम था. लोकसभा में राफेल मामले पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा, ‘‘ मेरा आरोप है कि उनका इरादा विमान खरीदने का इरादा नहीं था, राष्ट्रीय सुरक्षा को जोखिम था, लेकिन वे विमान नहीं खरीदना चाहते थे.’ उन्होंने कहा कि सरकारों के बीच समझौते पर 23 सितंबर, 2016 को हस्ताक्षर किया गया. पहला विमान इस तिथि से तीन साल के भीतर यानी 2019 में आ जाएगा और शेष विमान 2022 तक आ जायेंगे. रक्षा मंत्री ने कहा कि बातचीत की प्रक्रिया 14 महीने में पूरी कर ली गई. हमने 10 साल का समय नहीं लगाया. उन्होंने कांग्रेस पर देश को इस मुद्दे पर गुमराह करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘‘आपने (कांग्रेस) सौदे को रोक दिया. यह भूल गये कि वायुसेना को इसकी जरूरत है. क्योंकि यह सौदा आपको रास नहीं आया. दरअसल इससे आपको पैसा नहीं मिला.’
सीतारमण ने कहा कि हमने उत्तरी और पश्चिमी फ्रंट पर युद्ध झेला है. ऐसे में युद्धक हथियार हमारी प्राथमिकता हैं. हमें अपनी आवश्यकताओं को समझना होगा. चीन और पाकिस्तान अपनी ताकत लगातार बढ़ा रहे हैं. बावजूद इसके यूपीए ने मात्र 18 विमानों की जरूरत ही महसूस की. उन्होंने कहा कि ‘डिफेंस डीलिंग’ और ‘डीलिंग इन डिफेंस’ में अंतर है. हमारी प्राथमिकता देश की सुरक्षा है और हम इसी आधार पर डीलिंग कर रहे हैं.हमारी सरकार ने महज 14 महीनों में ही सौदे की प्रक्रिया पूरी कर ली, वहीं राफेल की डिलिवरी तय समय से 5 महीने पहले हो रही है. सितंबर 2019 में देश को पहला राफेल विमान मिल जाएगा और 2022 तक सभी 36 राफेल विमान देश को मिल जाएंगे.
बोले राहुल गांधी- जेटली जी जितनी गाली देनी है दो लेकिन मेरे सवालों के जवाब भी दो