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सावधान! मोबाइल सिम की मदद से आपका बैंक खाता साफ न हो जाये, सिम का यूनिक नंबर शेयर न करें

राजेश सिंह पटना : अनजान नंबर से आने वाले कॉल से सावधान हो जाएं. ऐसा न हो कि उससे जानकारी शेयर करके या उसे कॉल बैक करके आप मुसीबत में पड़ जाएं. साइबर क्राइम के कुछ ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें कॉल बैक करते ही खाते से सारी रकम उड़ा ली जाती है. […]

राजेश सिंह
पटना : अनजान नंबर से आने वाले कॉल से सावधान हो जाएं. ऐसा न हो कि उससे जानकारी शेयर करके या उसे कॉल बैक करके आप मुसीबत में पड़ जाएं. साइबर क्राइम के कुछ ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें कॉल बैक करते ही खाते से सारी रकम उड़ा ली जाती है.
विशेषज्ञों की मानें तो यह ‘सिम स्वैप फ्रॉड’ होता है. ठग आपका सिम निष्क्रिय कर देता है और आपके नंबर पर दूसरा सिम वह चलाने लगता है. आपके सिम का पूरा डाटा उसे मिल जाता है और वह आपके खाते से पैसा उड़ाने में कामयाब हो जाता है.
मिस्ड कॉल आये और मुंबई के कारोबारी के खाते से 1.86 करोड़ रुपये ट्रांसफर
मुंबई के माहिम इलाके के एक कारोबारी के खाते से 1.86 करोड़ रुपये उड़ा लिये गये हैं. शिकायत के अनुसार, एक दिन रात में उसके मोबाइल पर लगातार मिस्ड कॉल आये, जिसके बाद उसका मोबाइल काम करना बंद कर दिया. अगली सुबह उसने पाया कि को-ऑपरेटिव बैंक में स्थित खाते में जमा रकम रात भर में ही लगभग खत्म हो गयी थी.
उसका मोबाइल फोन को-ऑपरेटिव बैंक से जुड़ा हुआ था. 1.86 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से दिल्ली, पश्चिम बंगाल और झारखंड स्थित अलग-अलग 24 खातों में आटीजीएस और एनइएफटी के जरिये ऑनलाइन ट्रांसफर किये गये थे. अब यह मामला साइबर पुलिस के पास है.
इस तरह के खतरे लगातार बढ़ रहे हैं. विशेषज्ञों की मानें तो ऑनलाइन फ्रॉड का नया तरीका हैकर्स ने ढूंढ़ निकाला है. अगर आपके पास कोई फोन आये और सामने वाला यह कहे कि अगर आप अपना सिम अपडेट नहीं कराया है तो जल्द ही यह डिएक्टिवेट हो जायेगा, तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है. इसके अलावा अगर अनजान नंबर से कॉल आये तो भी सावधान हो जाएं.
क्या है ‘सिम स्वैप‘ फ्रॉड
अनजान नंबरों से कॉल करके लोगों का ‘सिम स्वैप’ कर लिया जाता है और हैकर्स अपना शिकार बना लेते हैं. इस फ्रॉड में हैकर्स आपके फोन नंबर से एक नये सिम का रजिस्ट्रेशन कर लेता है. ऐसा होते ही आपका सिम कार्ड बंद हो जाता है और फोन से सिग्नल गायब हो जाता है. वहीं आपके नंबर से रजिस्टर किया गया दूसरा सिम कार्ड एक्टिव रहता है और सिग्नल भी पूरे रहते हैं. इस सिम का इस्तेमाल कर हैकर्स आपके खाते से पैसे अकाउंट में ट्रांसफर कर लेता है.
बरतें सावधानी : सिम का यूनिक नंबर शेयर न करें
हैकर्स आपसे बात करता है और आपके फोन में कुछ समस्या बताकर बात को आगे बढ़ाता है. फिर वह बड़ी चालाकी से आपसे आपके सिम का 20 डिजिट का यूनिक नंबर मांगने की कोशिश करता है. अगर आपने यह नंबर उसे दे दिया तो वह आपसे अपने स्मार्टफोन में ‘1’ दबाने को कहेगा. ऐसा करने से उसे ऑथेन्टिकेशन मिल जाता है और आपका ‘सिम स्वैप’ हो जाता है.
यह भी जानकारी साझा न करें
इओयू के साइबर सेल के एसपी सुशील कुमार ने बताया कि कई बार हैकर्स आपसे आधार नंबर पूछता है, पर आपको यह जानकारी किसी से साझा नहीं करनी चाहिए. जैसे ही आपका सिम स्वैप होगा, आपके फोन का सिग्नल बंद हो जायेगा, जबकि स्कैमर के सिम वाले फोन में पूरा सिग्नल आ रहा होता है.
अधिकतर केस में स्कैमर के पास आपकी बैकिंग आइडी व पासवर्ड होते हैं. फंड ट्रांसफर के लिए उसे ओटीपी चाहिए होता है, जो उसे आसानी से मिल जाता है. जब कभी भी आप बैंक की फेक वेबसाइटों पर आइडी पासवर्ड भरते हैं, आपकी जानकारी स्कैमर तक पहुंच जाती है.

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