नयी दिल्ली : राफेल मामले में लोकसभा में आज बहुत हंगामा हुआ और सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच दोषारोपण हुआ. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों को ‘झूठा’ बताया और पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर देश की सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगाते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें स्वभाविक रूप से सच्चाई नापसंद होती है. उन्हें सिर्फ पैसे का गणित समझ में आता है, देश की सुरक्षा का नहीं .
जेपीसी की मांग को खारिज करते हुए जेटली ने कहा कि इसमें संयुक्त संसदीय समिति नहीं हो सकती है, यह नीतिगत विषय नहीं है. यह मामला सौदे के सही होने के संबंध में है. उच्चतम न्यायालय में यह सही साबित हुआ है. उन्होंने कहा कि जेपीसी में दलगत राजनीति का विषय आता है. बोफोर्स मामले में जेपीसी ने कहा था कि इसमें कोई रिश्वत नहीं दी गई. अब वही लोग जेपीसी की मांग कर रहे हैं ताकि एक स्वच्छ सरकार के खिलाफ मामला गढ़ने का मौका मिल सके. राफेल विमान सौदा मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए जेटली ने कहा, ‘‘ यह एक ऐसा मामला है जिसमें पहले से लेकर अंतिम शब्द तक. जो भी बोला गया , पूरी तरह से झूठ है.’
#WATCH Moment when Congress MPs threw paper planes towards FM Arun Jaitley while he was speaking during #Rafaledeal debate in Lok Sabha (Source:LS TV) pic.twitter.com/4LuuBIUSPU
— ANI (@ANI) January 2, 2019
उन्होंने कहा कि कई रक्षा सौदों के षड्यंत्रकारियों का यह दुस्साहस है कि वे दूसरों पर सवाल कर रहे हैं. जेटली ने गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि वह यूरो फाइटर की याद में राफेल का तीर चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें स्वभाविक रूप से सच्चाई नापसंद होती है. इनकी (गांधी परिवार)की विरासत यही रही है. यह सिलसिला सेंट किट्स मामले से शुरू होता है. इसमें भी इनकी बात गलत निकली. फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति मैक्रो के संदर्भ में भी जो बात कही, उसे गलत बताया गया . जेटली ने कहा कि आज ये (राहुल) कोई टेप लेकर आए हैं और इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं क्योंकि वह गलत है. यह पूरी तरह से मनगढंत है.
ये बातें गलत और त्रुटिपूर्ण हैं. वित्त मंत्री ने गांधी परिवार पर निशाना साधने के लिए बोफोर्स, अगस्ता वेस्टलैंड और नेशनल हेराल्ड मामले का उल्लेख किया. वित्त मंत्री ने कहा कि बोफोर्स मामले में ‘क्यू’ के संदर्भ में यह बात सामने आई थी कि इन्हें हर कीमत पर बचाया जाना चाहिए. राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इसलिए इन्हें संक्षेपण और कौमा तथा अंकगणित की समझ ज्यादा है. जेटली ने कहा कि हेराल्ड मामले में क्या हुआ, किस प्रकार से संपत्ति को निजी संपत्ति बना दिया गया. अगस्ता वेस्टलैंड मामले में जिन महाशय को लाया गया है, उससे संबंधित एक ईमेल में ‘मिसेज गांधी’ और ‘आर’ संक्षेपण का इस्तेमाल किया गया है. सदन में जब चर्चा चल रही थी तब अन्नाद्रमुक, तेदेपा सदस्य आसन के समीप नारेबाजी कर रहे थे. बाद में कांग्रेस सदस्य भी आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे. कांग्रेस के एक सदस्य ने कागज का विमान भी उड़ाया. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी. उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया. अनुबंधन वार्ता समिति, कीमत वार्ता समिति आदि की 74 बैठकें हुई. उच्चतम न्यायालय को इसकी जानकारी दी गई. इसके बाद यह रक्षा खरीद परिषद में गया और फिर सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडल समिति की मंजूरी ली गई.
वित्त मंत्री ने कहा कि 2016 में जो सौदा हुआ, उसके आधार पर बेयर एयरक्राफ्ट (विभिन्न युद्धक प्रणालियों से विहीन विमान) का दाम संप्रग की कीमत से नौ प्रतिशत कम था और हथियारों से युक्त विमान की बात करें तब यह संप्रग की तुलना में भी 20 प्रतिशत सस्ता था. जेटली ने कहा कि क्या एक औद्योगिक घराने को लाभ दिया है. कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष को आफसेट का पता नहीं है, यह दुख की बात है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी बोफोर्स, अगस्ता मामले में जुड़ी है, घोटालों से जुड़ी है . आफसेट का मतलब है कि किसी विदेशी से सौदा करते हैं तो कुछ सामान अपने देश में खरीदना होता है. राफेल में 30 से 50 प्रतिशत सामान भारत में खरीदने की बात है . उन्होंने कहा कि कुल आफसेट 29 हजार करोड़ रूपये का और आरोप 1.30 लाख करोड़ रूपये का लगाया जा रहा है.
आफसेट तय करने का काम विमान तैयार करने वाली कंपनी का है. जेटली ने कहा कि ऐसी नासमझी की एक ऐसे दल के अध्यक्ष से अपेक्षा नहीं है जिसे बड़े बड़े दिग्गज लोगों ने नेतृत्व प्रदान किया . उन्होंने कहा कि एचएएल 2.7 गुणा अधिक समय मांग रही थी. फौज जल्द विमान मांग रही थी. इस संबंध में 2016 में संप्रग से बेहतर शर्तों पर वर्तमान सरकार के स्तर पर समझौता किया गया. वित्त मंत्री ने कहा कि राफेल विमान के संबंध में उच्चतम न्यायालय संतुष्ट हो गया लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष की चुनावी जरूरत संतुष्ट नहीं हुई.