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चुनाव में झूठे वादे करने का बढ़ा चलन

चुनाव के दौरान वोटरों को रिझाने के लिए झूठे वादे किये जा रह हैं. मसलन लोकसभा चुनाव के दौरान सभी के खातों में 15 लाख देने और कालाधन वापस लाने की बात कही गयी थी. लेकिन, हुआ कुछ नहीं. कई राज्यों में मुफ्त में चावल, टीवी, कंप्यूटर, मकान और न जाने क्या-क्या देने के वादे […]

चुनाव के दौरान वोटरों को रिझाने के लिए झूठे वादे किये जा रह हैं. मसलन लोकसभा चुनाव के दौरान सभी के खातों में 15 लाख देने और कालाधन वापस लाने की बात कही गयी थी. लेकिन, हुआ कुछ नहीं.

कई राज्यों में मुफ्त में चावल, टीवी, कंप्यूटर, मकान और न जाने क्या-क्या देने के वादे किये गये. लेकिन, आम आदमी को कुछ मिलता नहीं है. इसलिए देश के वोटरों को सजग और सतर्क होने की जरूरत है.

यदि चुनावी वादों को तौल कर और समझ कर वोट देने के लिए जागरूक होना होगा, नहीं तो हर बार ठगे जायेंगे. इससे देश में लोकतंत्र मजबूत होगा. अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने कहा था कि ‘ये मत सोचो की देश तुम्हे क्या दे रहा, ये सोचो की तुम देश को क्या दे रहे’. इस बात को लोगों को अमल करना चाहिए. इसलिए प्रभोलनों में पड़ कर किसी पार्टी व एक व्यक्ति को वोट देने से बचना चाहिए.

आनंद पांडेय, रोसड़ा (समस्तीपुर)

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