नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को गगनयान परियोजना को मंजूरी दे दी जिसके तहत तीन सदस्यीय दल को कम से कम सात दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजा जायेगा. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह जानकारी दी.
उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस परियोजना पर 10 हजार करोड़ की लागत आयेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में गगनयान परियोजना की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि इस परियोजना को 2022 तक अमल में लाया जायेगा. इस महत्वाकांक्षी परियोजना में मदद के लिए भारत ने पहले ही रूस और फ्रांस के साथ समझौते किये हैं. अंतरिक्ष पर मानव मिशन भेजने वाला भारत दुनिया का चौथा देश होगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा को यह जानकारी दी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2019 के लिए 22 से ज्यादा मिशनों का लक्ष्य रखा है. सिंह ने बताया कि इसरो ने अगले तीन साल में 50 से अधिक मिशनों के लक्ष्य की अपनी रूप-रेखा प्रकट की है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए बजट में वृद्धि की है. सिंह ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम में पिछले कुछ वर्षों के दौरान अत्यधिक सफल और वाणिज्यिक मिशनों के कारण अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि इसरो के पास बड़ी संख्या में स्वीकृत मिशन हैं जो उद्योग के लिए भी एक बड़ा अवसर दर्शाते हैं.
पिछले दिनों इसरो ने एक कैप्सुल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है जिसे अंतरिक्ष यात्री अपने साथ ले जा सकेंगे. दरअसल, अंतरिक्ष यात्री दुर्घटना की स्थिति में कैप्सुल में सवार होकर पृथ्वी की कक्षा में सुरक्षित पहुंच सकते हैं. इसरो ने इस कैप्सुल का विकास खुद किया है. अंतरिक्ष में जाने से पहले हर व्यक्ति को कई चरणों में टेस्ट पास करने होते हैं. गगनयान के लिए भी इसरो एक व्यक्ति का कम से कम 10 टेस्ट करेगा. इसरो के एक अधिकारी ने कहा, वैसे 10 पैमाने तय किये गये हैं, लेकिन जरूरत पड़ने इसेबढ़ायाजा सकताहै.