नयी दिल्ली : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि सार्थक द्विपक्षीय बातचीत के लिए सौहार्दपूर्ण माहौल तैयार करने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है. उन्होंने कहा कि बातचीत का माहौल आतंक, दुश्मनी तथा हिंसा से मुक्त होना चाहिए.
राज्यसभा में शिवसेना के सांसद अनिल देसाई के एक सवाल के लिखित जवाब में स्वराज ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान से स्पष्ट कर दिया है कि एक सार्थक बातचीत के लिए सौहार्दपूर्ण माहौल तैयार करने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है और यह माहौल आतंक, दुश्मनी तथा हिंसा से मुक्त होना चाहिए. देसाई ने सवाल किया था कि पाकिस्तान की निरंतर आतंकवादी गतिविधियों को देखते हुए पिछले तीन साल में भारत ने उसके खिलाफ क्या-क्या दंडात्मक आर्थिक और सैनिक प्रतिबंध लगाये हैं. स्वराज ने कहा, पाकिस्तान की ओर से सीमा पर निरंतर हो रही आतंकवादी घटनाएं भारत के लिए गहरी चिंता का विषय बनी हुई है. पाकिस्तान सरकार से लगातार आग्रह किया गया है कि वह अपने नियंत्रण में आनेवाले किसी भी भूक्षेत्र का किसी भी तरीके से भारत के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने दे.
विदेश मंत्री ने कहा, भारत सीमा पार से आतंकवादी घुसपैठ और पाकिस्तानी सेना द्वारा कवर फायर दिये जाने से संबंधित सभी कोशिशों का माकूल जवाब देने के लिए दृढ़ एवं निर्णायक कदम उठाता रहा है. स्वराज ने वर्ष 2016 में भारतीय थलसेना की ओर से अंजाम दिये गये सर्जिकल स्ट्राइक की तरफ इशारा करते हुए कहा, वर्ष 2016 में नियंत्रण रेखा पर मौजूद आतंकवादी ठिकानों के विरुद्ध चलाये गये सीमित आतंकवाद-रोधी अभियानों से यह पता चलता है. विदेश मंत्री ने कहा, अमेरिका सहित कई देशों ने पाकिस्तान से आग्रह किया है कि वह किसी भी तरह की आतंकवादी गतिविधियों के लिए अपने भू-क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति न दे.
कई आतंकवादी गुट तथा व्यक्ति, जो पाकिस्तान में शरण लेकर भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हैं, उनका संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ तथा अन्य देशों द्वारा बहिष्कार किया गया है. उन्होंने कहा, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने जून 2018 में अपने पूर्ण सत्र में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी गुटों, जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा तथा फलह-ए-इंसानियत को वित्तपोषण जारी रखने सहित आतंकवादी गुटों को वित्तपोषण जारी रखने संबंधी अपनी चिंताओं के कारण पाकिस्तान को ‘ग्रे-लिस्ट’ में डाल दिया है.