उर्मिला कोरी
फ़िल्म: सिंबा
निर्माता: करण जौहर और रोहित शेट्टी
निर्देशक: रोहित शेट्टी
कलाकार: रणवीर सिंह,सारा अली खान,सोनू सूद ,आशुतोष राणाऔर अन्य
रेटिंग: तीन
मसाला फिल्मों में माहिर निर्देशक रोहित शेट्टी ‘सिंबा’ के ज़रिए एक और मसाला एंटरटेनर फ़िल्म लेकर आए हैं. सिंबा फ़िल्म की कहानी भ्रष्ट पुलिस ऑफिसर संग्राम सिंह भालेराव ( रणवीर सिंह) की कहानी है जो पुलिस सिर्फ इसलिए बना है ताकि वह पैसे बना सके. उसका तबादला सिंहगढ़ पुलिस चौकी से मीरामार पुलिस चौकी होती है. वहां पर जाकर वह आमलोगों की मदद करने के बजाय बाहुबली दूर्वा रानाडे (सोनू सूद) के अवैध कारोबार में उसकी मदद करता है.
सबकुछ ऐसे ही चल रहा होता है लेकिन सिंबा की दुनिया में उस वक़्त उथल पुथल मच जाती है जब उसकी मुंहबोली बहन का दूर्वा के भाई बलात्कार कर देते हैं. क्या अब भी सिंबा पैसों के लिए दूर्वा का ही साथ देगा या उसका ज़मीर जागेगा और अपनी मुंहबोली बहन को इंसाफ दिलाएगा. यही आगे की कहानी है.
फ़िल्म का फर्स्ट हाफ में कॉमेडी और रोमांस का तड़का भरपूर लगाया गया है. फ़िल्म सेकंड हाफ से बलात्कार के संजीदा मुद्दे से डील करती है. फ़िल्म में बताया गया था कि निर्भया के 6 साल बीत जाने के बाद भी देश में बलात्कार की घटनाएं कम नहीं बल्कि साल दर साल बढ़ी ही हैं क्योंकि दोषियों को कानून का डर नहीं. उन्हें पता है कि लोअर,हाई और सुप्रीम कोर्ट के चक्कर लगाने का उन्हें पूरा समय मिलेगा.
फ़िल्म इस बात पर फोकस करती है कि बलात्कारियों को तुरंत सजा मिलनी चाहिए, तभी ऐसे लोग कानून से डरेंगे. फ़िल्म की कहानी की बात करें तो इसमें नयापन नहीं है. ऐसी कहानी कई बार देख चुके हैं हां ट्रीटमेंट रोहित शेट्टी का नया है. उसमें भी आपको लॉजिक नहीं ढूंढना है. आख़िरकार्र रोहित शेट्टी की फ़िल्म है लॉजिक नहीं सिर्फ एंटरटेनमेंट की ही अहमियत होती है.
फ़िल्म के एक्शन ‘सिंघम’ यानी अजय देवगन की याद दिलाते हैं और क्लाइमेक्स में सिंघम की एंट्री भी हो जाती है जो दर्शकों के लिए किसी ट्रीट से कम नहीं है. रोहित शेट्टी की अगली पुलिसिया एक्शन फ़िल्म के नायक अक्षय कुमार होंगे. यह बात भी फ़िल्म के आखिरी सीन में सामने आती है.
अभिनय की बात करें तो रणवीर सिंह हमेशा की तरह अपने किरदार में रच बस गए हैं. वे कॉमेडी में भी माहिर हैं इस फ़िल्म से बात समझ आती हैं हां कहीं कहीं वो थोड़े लाउड भी लगते हैं लेकिन शायद किरदार की मांग ही कुछ ऐसी थी. सारा अली फ़िल्म में कम ही नज़र आयी हैं लेकिन जो भी सीन में वह थी अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रही. सोनू सूद को खलनायक के किरदारों में महारत हासिल है. आशुतोष राणा,सिद्धार्थ जाधव और अश्विनी कलसेकर अपनी अपनी भूमिकाओं में प्रभावी रहे हैं.
फ़िल्म का गीत संगीत मनोरंजक है.आंख मारे पहले ही ब्लॉकबस्टर हो चुका है. संवाद की बात करें तो फ़िल्म महाराष्ट्र पुलिस पर आधारित है जिस वजह से मराठी भाषा का कई जगहों पर इस्तेमाल हुआ है जो दूसरे प्रदेश के लोगों को थोड़ा अटपटा सा लग सकता है. फ़िल्म के एक्शन रोहित शेट्टी के अंदाज़ वाला ही है हालांकि इस बार गाड़ियां नहीं उड़ायी गयी है.
कुलमिलाकर कमज़ोर कहानी के बावजूद रणवीर सिंह के जबरदस्त एक्शन और कॉमेडी की वजह से यह फ़िल्म मनोरंजन करने में कामयाब हो जाती है.