नयी दिल्ली : वित्त वर्ष 2017-18 में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, ओएनजीसी और एनटीपीसी सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों में लाभ कमानेवाली शीर्ष तीन कंपनियों में शामिल रहीं. वहीं, बीएसएनएल, एयर इंडिया और एमटीएनएल लगातार दूसरे साल सबसे अधिक घाटेवाली कंपनियां रहीं हैं.
बृहस्पतिवार को संसद के पटल पर रखे गये एक सर्वेक्षण में यह कहा गया है. केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसई) के प्रदर्शन का लेखा-जोखा प्रस्तुत करनेवाले सार्वजनिक उपक्रम सर्वेक्षण 2017-18 में कहा गया है कि घाटा दर्ज करनेवाली शीर्ष दस कंपनियों का घाटा ही सीपीएसई के कुल घाटे का 84.71 प्रतिशत रहा. आलोच्य वित्त वर्ष में कुल 71 कंपनियां घाटे में रहीं. सर्वेक्षण के मुताबिक, वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान सीपीएसई कंपनियों द्वारा अर्जित कुल लाभ में इंडियन ऑयल की हिस्सेदारी 13.37 प्रतिशत, ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) की 12.49 फीसदी और एनटीपीसी की हिस्सेदारी 6.48 प्रतिशत रही. वित्त वर्ष 2017-18 में सबसे अधिक लाभ कमानेवाली शीर्ष दस कंपनियों में कोल इंडिया और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन चौथे और पांचवें स्थान पर रहे.
आलोच्य अवधि में सीपीएसई कंपनियों के कुल घाटे में केवल बीएसएनएल, एयर इंडिया और एमटीएनएल की ही 52.15 प्रतिशत हिस्सेदारी रही. एक तरह जहां सर्वाधिक लाभ अर्जित करनेवाली शीर्ष दस कंपनियों में पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन ने अपनी जगह सुनिश्चित कर ली है, वहीं मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड हालिया सूची में शुमार नहीं है. मुनाफा दर्ज करनेवाले केंद्रीय उपक्रमों के कुल लाभ में शीर्ष दस उपक्रमों का योगदान 61.83 प्रतिशत रहा. वर्ष के दौरान कुल 184 केंद्रीय उपक्रमों ने मुनाफा कमाया. वित्त वर्ष 2017- 18 में नुकसान दर्ज करनेवाली शीर्ष दस कंपनियों में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड को भारी नुकसान हुआ और उसने नुकसानवाली शीर्ष दस कंपनियों में जगह बनायी. इसी प्रकार इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी और ईस्टर्न कोलफील्ड्स भी सबसे ज्यादा घाटा दिखानेवाली शीर्ष दस कंपनियों में शामिल हो गयीं. ये कंपनियां वर्ष 2016- 17 तक मुनाफा कमा रही थीं.
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