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रांची : पेइंग वार्ड में भर्ती लालू प्रसाद अब तक रिम्स प्रबंधन को दे चुके हैं एक लाख 12 हजार रुपये
राजीव पांडेय राजद प्रमुख को हो रही सहूलियत, रिम्स प्रबंधन को भी हो रहा फायदा रांची : चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद फिलहाल रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं. यहां से हर दिन उनके स्वास्थ्य और दैनिक गतिविधियों से जुड़ी खबरें मिलती […]
राजीव पांडेय
राजद प्रमुख को हो रही सहूलियत, रिम्स प्रबंधन को भी हो रहा फायदा
रांची : चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद फिलहाल रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं. यहां से हर दिन उनके स्वास्थ्य और दैनिक गतिविधियों से जुड़ी खबरें मिलती रहती हैं. अभी जो खबर आ रही है, उसके मुताबिक लालू प्रसाद पेइंग वार्ड मद में रिम्स को सबसे ज्यादा राजस्व देनेवाले मरीज बन गये हैं. वे अब तक रिम्स प्रबंधन को एक लाख 12 हजार रुपये का भुगतान कर चुके हैं.
गौरतलब है कि लालू प्रसाद दूसरी बार एक सितंबर को कार्डियोलॉजी विंग में भर्ती हुए थे, लेकिन आम मरीजों व उनके परिजन की आवाजाही से उन्हें परेशानी हो रही थी. इस पर उन्होंने रिम्स प्रबंधन को आवेदन दिया था कि उन्हें पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाये. इसके बाद उन्हें पांच सितंबर की शाम पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया था. उसके बाद से वे यहीं भर्ती हैं.
"1000 प्रतिदिन निर्धारित है पेइंग वार्ड का किराया
अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक लालू प्रसाद पेइंग वार्ड के जिस कमरे में भर्ती हैं, उसका प्रतिदिन का किराया एक हजार रुपये निर्धारित है. लालू को रिम्स में भर्ती हुए कुल 112 दिन (26 दिसंबर तक) हो चुके हैं. इस लिहाज से वे अब तक रिम्स प्रबंधन को एक लाख 12 हजार रुपये का भुगतान कर चुके हैं.
ठंड में लिट्टी-चोखा का आनंद ले रहे लालू
नियमानुसार रिम्स के पेइंग वार्ड के भर्ती मरीजों को बाहर से खाना मंगाना पड़ता है. लालू प्रसाद का खाना भी बाहर से ही आ रहा है. फिलहाल ठंड का मौसम है और लालू प्रसाद को ठंड के मौसम में लिट्टी-चोखा खाना पसंद है. ऐसे में उनके लिए बाहर से लिट्टी-चोखा तैयार करावा कर मंगाया जाता है. उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि लिट्टी-चोखा खाने से शुगर और हार्ट के मरीज को परेशानी नहीं होती है.
अभी पेइंग वार्ड में ही रहेंगे लालू
राजद प्रमुख अभी रिम्स के पेइंग वार्ड में ही भर्ती होकर इलाज करायेंगे. यानी उनकी ओर से कमरा के किराये के रूप में अभी और पैसा जमा करना होगा. किराये के अलावा पेइंग वार्ड में दवा सहित अन्य सभी सुविधाओं के लिए अलग से भी पैसे खर्च करने पड़ते हैं. हालांकि, पेइंग वार्ड में शिफ्ट होने के बाद से लालू प्रसाद की सुरक्षा की चिंता और आम मरीजों से होनेवाली परेशानी कम हुई है.
पेईंग वार्ड में 20 अन्य मरीज, 55 हजार तक आमदनी
रिम्स में 100 बेड के पेईंग वार्ड का उदघाटन 27 जुलाई को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किया था. उदघाटन के करीब एक महीने तक एक भी मरीज भर्ती नहीं हुआ. डाॅक्टर भी मरीज को भर्ती नहीं करना चाहते थे, क्याेंकि उनको देखने के लिए यहां आना पड़ेगा, लेकिन धीरे-धीरे मरीज भर्ती किये जाने लगे.
पांच सितंबर को लालू प्रसाद काे भर्ती किया गया. जानकार बताते है कि उदघाटन से लेकर अब तब अभी तक (लालू प्रसाद को छोड़कर) बमुश्किल से 20 मरीजों का इलाज पेइंग वार्ड में हुआ होगा. इन मरीजों से करीब 55 हजार रुपये किराये के रूप में रिम्स प्रबंधन को मिले हैं.
ब्लड बैंक के अनुपस्थित कर्मचारियों ने बनाये तरह-तरह के बहानेरिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह द्वारा निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाये गये ब्लड बैंक के कर्मचारियों ने तरह-तरह के बहाने बनाये हैं.
एक कर्मचारी ने निदेशक को लिख कर बताया है कि गाड़ी का टायर पंक्चर हो गया था, जिसे बनवाने में देर हाे गयी. एक कर्मचारी ने कहा है कि छुट्टी पर थे. रांची लौटने में देर हो गयी. इधर, बुधवार को भी निदेशक ने ब्लड बैंक का दौरा किया. वे यहां सुबह 9:15 बजे ही पहुंच गये थे, लेकिन कई कर्मचारी घंटों विलंब से पहुंचे. तब तक निदेशक उन सभी को अनुपस्थित कर चुके थे.
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