रांची : कांग्रेस ने बुधवार को झारखंड सरकार पर करारा हमला बोला. कहा कि राज्य सरकार को ‘शासन करने का शऊर’ नहीं है. झारखंड विधानसभा में पारा शिक्षकों के मामले में हुए हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित होने पर सदन से बाहर मीडिया से बातचीत में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं लोहरदगा विधायक सुखदेव भगत ने यह आरोप लगाया.
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सुखदेव भगत ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने पारा शिक्षकों के मामले में अनेक बार ‘यू टर्न’ लिया है, जो उसकी शासन की क्षमता पर सवाल उठाता है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पारा शिक्षकों से बातचीत का रास्ता अपनाने की बजाय उस पर लाठीचार्ज किया और उन्हें धमकाया. यह पूरी तरह अमानवीय है.
भगत ने कहा, ‘सरकार ने पारा शिक्षकों के मामले में पारा ठंडा करने की बजाय और गर्म कर दिया है.’ इससे पूर्व पारा शिक्षकों के मामले में विधानसभा में कार्यस्थगन की मांग को लेकर मुख्य विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस एवं झारखंड विकास मोर्चा के विधायकों ने शोरगुल और हंगामा किया, जिसके चलते विधानसभा की कार्यवाही पहले साढ़े 11 बजे और फिर दोपहर बाद 12.30 बजे, दो बजे और अंतत: दिन भर के लिए तक स्थगित कर दी गयी.
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झारखंड विधानसभा की कार्यवाही जैसे ही प्रारंभ हुई, प्रश्नकाल प्रारंभ होने से पहले ही विपक्ष के नेता झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन ने पारा शिक्षकों का मामला उठाया. उन्होंने अपनी पार्टी की ओर से लाये गये कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की.
विपक्ष के नेता के साथ कांग्रेस के आलमगीर आलम और झारखंड विकास मोर्चा के प्रदीप यादव ने भी कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की. इस बीच, सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने सत्ता पक्ष की ओर से इस मामले में दिये गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर विशेष चर्चा कराये जाने की मांग की.
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विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने जब विपक्ष के कार्यस्थगन प्रस्तावों को अमान्य कर दिया, तो विपक्षी विधायक झामुमो के नेतृत्व में अध्यक्ष के आसन के सामने आ गये और उन्होंने नारेबाजी प्रारंभ कर दी.
विपक्षी विधायकों ने ‘पारा शिक्षकों के साथ न्याय करना होगा’ के नारे लगाये. सदन में जारी हंगामे को देखते हुए विधानसभाध्यक्ष दिनेश उरांव ने दिन में साढ़े 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी. इसके बाद दो बार के स्थगन के बाद सदन को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया.