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पटना हाइकोर्ट ने 102 वर्ष पुरानी व्यवस्था में किया संशोधन, याचिका दायर करने को बतानी होगी उम्र

शशिभूषण कुंवर पटना : पटना हाइकोर्ट ने याचिका दायर करने के मामले में अपनी 102 साल पुरानी व्यवस्था में संशोधन कर दिया है. इसके अनुसार अब याचिका दायर करने वालों को इस बात का भी जिक्र करना होगा कि उनकी उम्र क्या है, वह महिला हैं या पुरुष. संशोधित व्यवस्था दो जनवरी, 2019 से प्रभावी […]

शशिभूषण कुंवर

पटना : पटना हाइकोर्ट ने याचिका दायर करने के मामले में अपनी 102 साल पुरानी व्यवस्था में संशोधन कर दिया है. इसके अनुसार अब याचिका दायर करने वालों को इस बात का भी जिक्र करना होगा कि उनकी उम्र क्या है, वह महिला हैं या पुरुष. संशोधित व्यवस्था दो जनवरी, 2019 से प्रभावी हो जायेगी.

इसके बाद पटना हाइकोर्ट यह बताने की स्थिति में होगा कि उसके पास याचिका दायर करनेवाले या शपथपत्र देनेवाले व्यक्ति की उम्र क्या है. वह महिला है या पुरुष. नववर्ष से यह भी बताया जा सकता है कि हाइकोर्ट के पास याचिका व शपथ देनेवाले कितने नाबालिग हैैं और कितने लोग वरिष्ठ नागरिक हैं. वरिष्ठ नागरिकों में भी महिलाओं की संख्या कितनी हैं.

दरअसल, पटना हाइकोर्ट ने हर मामले को पारदर्शी बनाने के लिए यह पहल की है, जो लोक सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत पूछे जानेवाले सवालों के जवाब के लिए महत्वपूर्ण है.

इसके अलावा हाइकोर्ट के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो लोकसभा और राज्यसभा के साथ बिहार विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों द्वारा अक्सर याचिकाकर्ताओं व शपथपत्र देनेवाले लोगों को लेकर प्रश्न पूछे जाते थे. सांसद या विधायक सदन के अंदर जब यह सवाल पूछते थे कि पटना हाइकोर्ट में याचिका व शपथ करनेवालों में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या कितनी है. कितनी महिलाएं या वरिष्ठ नागरिक हैं, जिनके मामले लंबित हैं. इसके अलावा बाल अपराध को लेकर भी सवाल पूछे जाते थे.

इस प्रकार की सूचना उपलब्ध नहीं रहने की स्थिति में इन सवालों का जवाब उपलब्ध कराना चुनौतीपूर्ण हो जाता था. वहीं, इस तरह की सूचनाएं दिल्ली जैसे हाइकोर्ट द्वारा अविलंब उपलब्ध करा दी जाती थीं. इसी को ध्यान में रखते हुए पटना हाइकोर्ट के अपने पुराने कानून में बदलाव कर दिया है, जो नये साल में पटना हाइकोर्ट के खुलते ही प्रभावी हो जायेगा.

महिला हैं या पुरुष, यह भी बताना होगा, दो जनवरी से लागू

पटना हाइकोर्ट ने अपने 1916 के रूल -आठ के पार्ट दो के चैप्टर तीन में संशोधन कर दिया है. इस संशोधन में कहा गया है कि हर याचिकाकर्ता और शपथ देनेवाले व्यक्ति के मामले चाहे वह क्रिमिनल या सिविल याचिका हो, उसके तहत उसकी स्पष्ट पहचान दर्ज की जायेगी.

इसमें याचिकाकर्ता व शपथ करनेवाले का नाम, उम्र, लिंग और पता सहित सभी ब्योरे दर्ज किये जायेंगे. इसके पहले याचिकाकर्ता सिर्फ अपना नाम व पता दर्ज कराते थे. अब इसमें उम्र व लिंग के साथ अन्य सूचनाएं दर्ज की जायेंगी. इस आशय का गजट नोटिफिकेशन 24 दिसंबर 2018 को जारी कर दी गयी है.

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