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विमान में यात्रियों के साथ Airlines स्टाफ बदतमीजी करना पड़ सकता है भारी, भरना पड़ेगा जुर्माना

नयी दिल्ली : हवाई सफर के दौरान यदि किसी यात्री के साथ किसी एयरलाइन्स कंपनी के कर्मचारी ने बदतमीजी की, तो उसे भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है. संसद की एक संसदीय समिति ने हवाई सफर के दौरान एयरलाइन्स कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा सवारियों के साथ की जाने वाली बदतमीजी और तू-तड़ाक की बढ़ती घटनाओं […]

नयी दिल्ली : हवाई सफर के दौरान यदि किसी यात्री के साथ किसी एयरलाइन्स कंपनी के कर्मचारी ने बदतमीजी की, तो उसे भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है. संसद की एक संसदीय समिति ने हवाई सफर के दौरान एयरलाइन्स कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा सवारियों के साथ की जाने वाली बदतमीजी और तू-तड़ाक की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर सरकार को यह सुझाव दिया है.

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संसद की एक समिति ने सुझाव दिया है कि बुरा बर्ताव करने वाले कर्मचारियों भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए और साथ ही उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर विभाग से संबद्ध संसद की स्थायी समिति ने एयरलाइन्स के कर्मचारियों के व्यवहार मर्यादित रखने के लिए एक उपयुक्त निगरानी व्यवस्था लागू करने की जरूरत पर भी बल दिया है.

संसद में पिछले सप्ताह प्रस्तुत समिति की इस सिफारिश में कहा गया है कि तंत्र खड़ा होने के बावजूद यात्रियों के साथ एयरलाइन्स कर्मचारियों के अभद्र, असभ्य, अक्खड़ और आक्रामक व्यवहार को नियंत्रित करने में नागरिक उड्डयन मंत्रालय की भूमिका संतोषजनक नहीं है. इसमें कहा गया है कि लगभग सभी एयरलाइन्स कंपनियों ने बेलगाम यात्रियों के लिए ‘उड़ान की वर्जना” की सूची शुरु कर रखी है, लेकिन जब उनके कर्मचारियों की मुंहजोरी को नियंत्रित करने की बात आती है, तो वे यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से बच जाते हैं कि कर्मचारियों को जरूरी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यह बहुत जरूरी है कि एयरलाइन्स कंपनियों को ग्राहकों की भलाई वाला दृष्टिकोण अपनाना होगा.

समिति ने अपनी सिफारिश में जोर दिया है कि उसकी इच्छा है कि मंत्रालय यह तय करे कि अनुचित व्यवहार करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए और उन पर भारी जुर्माना लगाया जाए. समिति के अनुसार, एयरलाइंस कर्मचारियों को दिया जाने वाला प्रशिक्षण अधिक प्रभावी, व्यापक और गहन होना चाहिए. समित ने कहा है कि एयरलाइन्स के कर्मचारियों के व्यवहार की जांच करने के लिए उचित निगरानी प्रणाली होनी चाहिए.

इसके अलावा, समिति ने कहा कि यह माना जाता है कि मंत्रालय के पास सभी एयरलाइनों की निगरानी और विनियमन के लिए एक प्रभावी तंत्र होना चाहिए, ताकि यह तय किया जा सके कि यात्रियों को संबंधित एयरलाइन्स कंपनियों की खामियों और कमियों के कारण प्रतिकूल स्थिति का सामना न करना पड़े तथा इसके साथ स्थिति के अनुसार ऐसे अनुचित व्यवहार करने वालों को दंडित करना भी चाहिए.

समित ने एयरलाइनों द्वारा प्रतिस्पर्धी विमानन कंपनियों का बाजार खत्म करने वाली मूल्य नीति को हतोत्साहित करने के लिए प्रत्येक सेक्टर (मार्ग) के किरायों की एक ऊपरी सीमा तय करने का भी सुझाव दिया है.

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