कराची : पाकिस्तान के सेनाप्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की शांति पहलों का यह कहते हुए समर्थन किया है कि नयी सरकार ने भारत की ओर पूरी ईमानदारी से शांति का हाथ बढ़ाया है, लेकिन इसे पाकिस्तान की कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए.
बाजवा ने शनिवार को कराची स्थित ‘नेवल एकेडमी’ में मिडशिपमेन और शार्ट सर्विस कोर्स की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान एक शांतिप्रिय देश है और शांति में विश्वास करता है.
बाजवा ने पाकिस्तान और भारत के बीच शांति के लिए प्रधानमंत्री खान की सरकार की पहलों की प्रशंसा करते हुए कहा कि शांति से सभी को लाभ होता है तथा समय है कि हम एक-दूसरे से लड़ने की बजाय बीमारी, गरीबी और निरक्षरता के खिलाफ लड़े बाजवा ने कहा, हमारी नयी सरकार ने अत्यंत ईमानदारी के साथ भारत की ओर शांति और मित्रता का हाथ बढ़ाया है, लेकिन इसे हमारी कमजोरी के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए.
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पाकिस्तानी सेना ने आजादी के बाद 71 वर्षों में आधे से अधिक समय तक देश में शासन किया है और विदेश नीति के मामले में हमेशा ही दखल रखा है. 2016 में पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों द्वारा हमलों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत के सर्जिकल हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव आ गया था. इसके साथ ही 2017 में दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होने के बाद इसमें और गिरावट आ गई.
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नियंत्रण रेखा पर झड़पों और 2018 में अधिकतर समय दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तकरार के बीच करतारपुर गलियारा भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के लिए खोलने को लेकर दोनों ओर आमसहमति बनने से भारत और पाकिस्तान के संबंध में सुधार की उम्मीद जगी है.
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बाजवा ने कहा, युद्ध मौत, विनाश और लोगों के लिए दुख लाते हैं. अंतत: सभी मुद्दे बातचीत की मेज पर बातचीत से सुलझते हैं और इसी के चलते हम अफगानिस्तान में अफगान नीत और अफगान नीत शांति योजना का समर्थन करके अफगानिस्तान में शांति का समर्थन कर रहे हैं.