पटना : बिहार में लोकसभा चुनाव की सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए में सहमति बन गयी है. किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी, इस पर आज फैसला हो गया. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बताया कि बीजेपी और जेडीयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी जबकि एलजेपी 6 सीटों पर. इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री व लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख रामविलास पासवान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के घर पर मौजूद रहे. वहीं, एनडीए की ओर सीट शेयरिंग के फॉर्मूले की औपचारिक घोषणा पर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने तंज कसा है. तेजस्वी ने ट्वीट कर एक साथ भाजपा, जदयू और लोजपा पर तंज कसा है.
LJP और JDU को 2 साल बाद प्रधानमंत्री मोदी से नोटबंदी पर सवाल पूछने का फ़ायदा मिला। 😊
जनादेश चोरी के बाद भी BJP बिहार में इतनी मज़बूत हुई कि 22 वर्तमान सांसद होने के बावजूद 17 सीट पर चुनाव लड़ेगी और 2 MP वाले नीतीश जी भी 17 सीट पर लड़ेंगे। अब समझ जाइये NDA के कितने पतले हालात है
LJP और JDU को 2 साल बाद प्रधानमंत्री मोदी से नोटबंदी पर सवाल पूछने का फ़ायदा मिला। 😊
जनादेश चोरी के बाद भी BJP बिहार में इतनी मज़बूत हुई कि 22 वर्तमान सांसद होने के बावजूद 17 सीट पर चुनाव लड़ेगी और 2 MP वाले नीतीश जी भी 17 सीट पर लड़ेंगे। अब समझ जाइये NDA के कितने पतले हालात है
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 23, 2018
तेजस्वी ने अपने ट्वीट में लिखा है- LJP और JDU को 2 साल बाद प्रधानमंत्री मोदी से नोटबंदी पर सवाल पूछने का फायदा मिला. जनादेश चोरी के बाद भी BJP बिहार में इतनी मजबूत हुई कि 22 वर्तमान सांसद होने के बावजूद 17 सीट पर चुनाव लड़ेगी और 2 MP वाले नीतीश जी भी 17 सीट पर लड़ेंगे. अब समझ जाइये NDA के कितने पतले हालात है.
विदित हो कि हाल ही में रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर एनडीए से अलग हो गये है. बिहार में एनडीए का हिस्सा रही रालोसपा महागठबंधन में शामिल हो गयी है. कुशवाहा लंबे समय से सीट बंटवारे को लेकर एनडीए से नाराज चल रहे थे. इसी बीच लोजपा ने भी भाजपा को जल्द सीट शेयरिंग पर रुख साफ करने को अल्टिमेटम दिया था. एलजेपी ने बीजेपी को 31 दिसंबर तक सीट शेयरिंग का काम पूरा कर लेने की चेतावनी दी थी. गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव बिहार में भाजपा, लोजपा और रालोसपा मिल कर चुनाव लड़े थे. लोजपा को कुल सात सीटों पर चुनाव लड़ी थी और छह पर उसे जीत मिली थी. वहीं रालोसपा तीन पर चुनाव लड़ी थी और सभी सीटें जीतने में कामयाब रही थी.