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रांची : करीब 50 हजार दुकानों, पेट्रोल पंपों व प्रतिष्ठानों की जांच के लिए सिर्फ आठ मापतौल निरीक्षक

संजय, रांची : राज्य भर में 48 हजार निबंधित दुकान हैं. वहीं, करीब 1200 पेट्रोल पंप तथा इतनी ही संख्या में वजन कांटा (वेइंग मशीन). इस तरह करीब 50 हजार दुकानों, पेट्रोल पंप, वजन कांटा मापतौल विभाग से निबंधित हैं. पर यहां इस्तेमाल होने वाले बटखरा, तराजू, मीटर, लीटर, काउंटर व टोटलाइजर की जांच व […]

संजय, रांची : राज्य भर में 48 हजार निबंधित दुकान हैं. वहीं, करीब 1200 पेट्रोल पंप तथा इतनी ही संख्या में वजन कांटा (वेइंग मशीन). इस तरह करीब 50 हजार दुकानों, पेट्रोल पंप, वजन कांटा मापतौल विभाग से निबंधित हैं.
पर यहां इस्तेमाल होने वाले बटखरा, तराजू, मीटर, लीटर, काउंटर व टोटलाइजर की जांच व इनकी मॉनिटरिंग के लिए पूरे विभाग में सिर्फ अाठ मापतौल निरीक्षक हैं. यानी सभी 24 जिलों के लिए भी निरीक्षक नहीं हैं.
बड़े जिलों में एक से अधिक निरीक्षक तैनात रहने हैं. धनबाद व रांची में चार-चार, जमशेदपुर में तीन तथा दोवघर, बोकारो व हजारीबाग में दो-दो मापतौल निरीक्षक के पद हैं.
पर अभी एक-एक निरीक्षकों को कई जिलों का प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है. ऐसे में समझा जा सकता है कि उपभोक्ताअों के हितों की कितनी रक्षा हो रही होगी. माप-तौल में गड़बड़ी करनेवाले व्यवसायी पर अधिकतम 10 हजार रुपये तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है.
वहीं, माप-तौल पैमाने (बटखरा, टेप व अन्य) का सत्यापन व पुन: सत्यापन (नवीकरण) न होने पर पांच हजार रुपये अर्थदंड लगता है. पर सवाल है कि यह सब देखेगा कौन?
पेट्रोल पंपों पर कम तेल देने की मिल रही पुख्ता शिकायतें
गौरतलब है कि रांची के ही विभिन्न पेट्रोल पंप पर कम तेल देने की पुख्ता शिकायतें मिलती रही हैं. मीडिया में खबर आने के बाद विभाग इनकी जांच करता है. दरअसल, मापतौल निरीक्षकों के कुल 37 पद सृजित हैं. राज्य बंटवारे के वक्त ही कुल सृजित पद के विरुद्ध 31 निरीक्षक कार्यरत थे. पर सेवानिवृत्ति व अन्य कारणों से अब सिर्फ आठ निरीक्षक बचे हैं.
नलाइन कर सकते हैं शिकायत
उपरोक्त नकारात्मक बातों से अलग मापतौल संबंधी एक अच्छी बात यह है कि अब दुकान निबंधन तथा बाट सत्यापन सहित अन्य कार्य अॉनलाइन होते हैं. कोई भी उपभोक्ता मापतौल संबंधी शिकायत भी ऑनलाइन दर्ज करा सकता है. विभाग की वेबसाइट www.legalmetrology.jharkhand.gov.in पर ग्रिवांस सेक्शन में जाकर अपने आधार नंबर के साथ शिकायत दर्ज करानी होती है.
रिक्त पड़े निरीक्षकों के पद भरने के लिए कार्मिक विभाग के माध्यम से दो साल पहले ही अधियाचना झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) को भेज दी गयी है. पर नियुक्ति प्रक्रिया आज तक लंबित है. मापतौल विभाग पहले कृषि विभाग के साथ था, जिसे अब खाद्य आपूर्ति के साथ संबद्ध कर दिया गया है.
कृष्ण चंद्र चौधरी, नियंत्रक मापतौल

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