नयी दिल्ली : केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए 12वीं कक्षा के अंकों पर आधारित ‘कट ऑफ’ की जगह प्रवेश परीक्षा प्रणाली लाये जाने से शुक्रवार को इंकार कर दिया.
जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा, वर्ष 2019-20 सत्र के लिए, डीयू में कोई प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं होगी और दाखिला 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर ही होगा.
दरअसल, डीयू की दाखिला समिति ‘प्रवेश परीक्षा आधारित प्रणाली’ पर काम कर रही है और समिति की अगली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होनी थी. इस समिति में शिक्षा विशेषज्ञ, कॉलेज प्राचार्य और संकाय सदस्य शामिल हैं.
इस मुद्दे पर समिति ने पिछले साल भी विचार विमर्श किया था लेकिन कोई आम सहमति नहीं बन सकी थी. गौरतलब है कि डीयू अभी नौ स्नातक और स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए कम्प्यूटर आधारित प्रवेश परीक्षा आयोजित करती है, जबकि ज्यादातर स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश 12वीं कक्षा की परीक्षा के अंकों के आधार पर लिया जाता है.
डीयू ने 2017 में पहली बार प्रवेश परीक्षा आधारित दाखिला प्रणाली शुरू करने का प्रयास किया था, लेकिन विभिन्न छात्र संगठनों ने इस पर आपत्ति जतायी थी.
जावड़ेकर ने यह भी कहा कि इस बारे में कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है कि जेएनयू की प्रवेश परीक्षा आॅनलाइन होगी या नहीं और इसे राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) करेगी या नहीं. हालांकि, जेएनयू ने अपनी वेबसाइट पर जानकारी डाल दी है कि 2019 में परीक्षा का आयोजन एनटीए द्वारा किया जाएगा.