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सरकार की संवेदनहीनता
झारखंड में पारा शिक्षकों की मांगों पर सरकार की पहल अब तक नहीं दिखी. वहीं आंदोलन के क्रम में लगातार पारा शिक्षकों की हो रही मौतें सरकार की संवेदनहीनता को दिखा रही है. सरकार की ओर से एेसी पहल नहीं की गयी कि मामले का समाधान निकाला जा सके. खुले मंच से जहां मुख्यमंत्री इन […]
झारखंड में पारा शिक्षकों की मांगों पर सरकार की पहल अब तक नहीं दिखी. वहीं आंदोलन के क्रम में लगातार पारा शिक्षकों की हो रही मौतें सरकार की संवेदनहीनता को दिखा रही है.
सरकार की ओर से एेसी पहल नहीं की गयी कि मामले का समाधान निकाला जा सके. खुले मंच से जहां मुख्यमंत्री इन पारा शिक्षकों को गुंडा की उपाधि दे चुके हैं, वहीं विभाग के अधिकारी सिर्फ इनके खिलाफ ही आदेश निकालते रहे हैं.
सरकार का उनकी मांगों पर आंख मूंद लेना, कहीं से भी सही नहीं. समय पर यदि सरकार उनकी मांगों पर बातचीत कर इसका समाधान निकाल लेती तो शायद मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी व लुईस मरांडी के आवास में आंदोलन के क्रम में काल कवलित हुए पारा शिक्षकों की मौतें शायद नहीं होती. सरकार को तुरंत समाधान निकालना चाहिए ताकि आंदोलन समाप्त हो और नौनिहालों की बंद पढ़ाई चालू हो सके.
विनोद के सिन्हा, चंद्रपुरा, बोकारो
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