नयी दिल्ली : आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने बुधवार को कहा कि सरकार भारतीय रिजर्व बैंक से अंतरिम लाभांश की मांग करेगी. पिछले वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक ने केंद्र को 10,000 करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश दिया था. रिजर्व बैंक का वित्त वर्ष जुलाई-जून होता है.
यह पूछे जाने पर क्या सरकार इस साल रिजर्व बैंक से अंतरिम लाभांश मांगेगी, गर्ग ने इसका हां में जवाब दिया. गर्ग ने यह भी बताया कि आर्थिक पूंजी ढांचे पर विशेषज्ञ समिति के स्वरूप को लगभग अंतिम रूप दिया जा चुका है. उन्होंने यहां पीएचडी चैंबर के एक कार्यक्रम के मौके पर अलग से कहा कि उम्मीद है कि इस समिति की घोषणा जल्द की जायेगी. इससे पहले रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड ने 19 नवंबर को उसके आर्थिक पूंजी ढांचे की समीक्षा को एक बाहरी समिति के गठन का फैसला किया था. इस समिति की रूपरेखा और नियम शर्तें संयुक्त रूप से सरकार और रिजर्व बैंक को तय करनी है. पिछले कुछ समय से सरकार और रिजर्व बैंक के बीच विभिन्न मुद्दों पर टकराव की स्थिति है. इनमें एक मुद्दा केंद्रीय बैंक से अधिशेष कोष के स्थानांतरण का भी है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इससे पहले कहा था कि सरकार को राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पाने के लिए रिजर्व बैंक या किसी अन्य संस्थान से अतिरिक्त कोष की जरूरत नहीं है. गर्ग ने भी इससे पहले ट्वीट किया था कि रिजर्व बैंक से अतिरिक्त कोष को हस्तांतरित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. इस सवाल पर कि क्या सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अतिरिक्त पूंजी डालेगी, गर्ग ने कहा, हां, अनुपूरक अनुदान मांग का इंतजार करें, जोकल आ सकती हैं.