नयी दिल्ली/भोपाल : उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को लेकर बेरोजगारी से जुड़े बयान देकर कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ भाजपा के निशाने पर आ गये हैं. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान भी मामले को लेकर सामने आया है. चौहान ने बुधवार को अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि मध्यप्रदेश में ना कोई इधर का हैं, ना कोई उधर का हैं…मध्यप्रदेश में जो भी आता हैं, यहां का हो कर ही बस जाता हैं. प्रदेश को हिंदुस्तान का दिल ऐसे ही नहीं कहते! क्यों ठीक कहा ना?
मध्यप्रदेश में ना कोई इधर का हैं, ना कोई उधर का हैं। मध्यप्रदेश में जो भी आता हैं, यहाँ का हो कर ही बस जाता हैं। प्रदेश को हिंदुस्तान का दिल ऐसे ही नहीं कहते! क्यों ठीक कहा ना?
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 19, 2018
कमलनाथ के इस बयान की गूंज आज लोकसभा में भी सुनायी दी. भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने मध्य प्रदेश में बेरोजगारी से जुड़े मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान का मुद्दा बुधवार को लोकसभा में उठाया और कहा कि कमलनाथ लोकसभा के सदस्य हैं, उनका बयान सदन की भावना के खिलाफ है और ऐसे में उन्हें खुद सदन में आकर माफी मांगनी चाहिए.
सदन में शून्यकाल के दौरान जायसवाल ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह देश एक है और सभी को कहीं भी जाने और रहने का पूरा अधिकार है. कमलनाथ का बयान इस भावना के खिलाफ है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में पैदा हुए कमलनाथ मध्य प्रदेश में खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया का हक मार गये और अब वह उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के बारे में इस तरह की बातें कर रहे हैं.
जायसवाल ने कहा कि कमलनाथ इस सदन के सदस्य हैं इसलिए उन्हें यहां आकर अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए.
क्या कहा था कमलनाथ ने
दरअसल, खबरों के मुताबिक कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सोमवार को कहा था कि मध्यप्रदेश में ऐसे उद्योगों को छूट दी जायेगी जिनमें 70 प्रतिशत नौकरी मध्य प्रदेश के लोगों को दी जायेगी. उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लोगों के कारण मध्य प्रदेश में स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिल पाती है.