पर्थ : भारतीय कप्तान विराट कोहली और ऑट्रेलियाई कप्तान टिम पेन के बीच यहां खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में हुई नोंकझोक चर्चा का विषय है, लेकिन तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड ने सोमवार को इसे ज्यादा तव्वजो नहीं दिया.
उन्होंने कहा कि सबकुछ खेल भावना के दायरे में हुआ. ऑस्ट्रेलियाई पारी के 71वें ओवर में जब जसप्रीत बुमराह गेंदबाजी कर रहे थे तब दोनों कप्तान शाब्दिक जंग में उलझते दिखे जिसके बाद अंपायर क्रिस गफाने ने दोनों चेतावनी दी.
हेजलवुड ने कहा, मुझे लगता है यह अच्छी मस्ती थी, वहां माहौल काफी प्रतिस्पर्धी था और आपको पता है बीच-बीच में कुछ बोला जाएगा लेकिन यह सब हल्के-फुल्के माहौल में किया गया था. उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि हमने उसे बहुत ज्यादा तव्वजो दी.
हम मैदान पर खुद को नियंत्रित रख सकते है और भारतीय खिलाड़ी जो चाहे वह करने के लिए स्वतंत्र है. इस जुबानी जंग का हालांकि ऑस्ट्रेलिया को फायदा हुआ क्योंकि दूसरी पारी में कोहली (17) सस्ते में निपट गये और भारतीय टीम ने एक समय 55 रन पर चार विकेट गवां दिये थे. हेजलवुड ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया किसी एक बल्लेबाज को निशाना नहीं बना रहा था. उन्होंने कहा, नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है.
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जब मैं गेंदबाजी कर रहा था तब मेरे लिये चेतेश्वर पुजारा के विकेट की ज्यादा अहमियत थी. मुझे लगता है कि शृंखला में उसने सबसे ज्यादा गेंद खेली है और सबसे ज्यादा रन बनाये है. उन्होंने कहा, मेरे लिये पुजारा का विकेट अहम था और रहाणे का भी. इसलिए तीसरे, चौथे और पांचवें क्रम के बल्लेबाजों का विकेट सबसे अहम था. जाहिर तौर पर हमारा ध्यान सिर्फ विराट के विकेट पर नहीं था.
भारत की आधी टीम को 112 रन पर पवेलियन भेज कर ऑस्ट्रेलियाई टीम शृंखला बराबर करने के करीब है, लेकिन हेजलवुड को लगता है कि टीम को अभी थोड़ी और मेहनत करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, मैं यूएई नहीं गया था, इसलिए ऐसा लगता है कि जीत दर्ज किये हुए काफी समय हो गया, लेकिन हमारे लिये काफी काम बाकी है. जब भी मैं ऑस्ट्रेलिया में खेलता हूं मैं आत्मविश्वास से भरा रहता हूं, खासकर गेंदबाजों को 20 विकेट लेने का भरोसा रहता है.
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