- खरीद की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं
- कितने विमान खरीदे सरकार, हम नहीं कर सकते बाध्य
- 2016 में सौदे के वक्त किसी ने सवाल क्यों नहीं किया
- राफेल जैसे विमानों की जरूरत, इसके बगैर देश नहीं रह सकता सुरक्षित
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नयी दिल्ली : 36 विमानों की खरीद का मामला : राफेल सौदे पर मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की क्लीन चिट
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दी है. इसके साथ ही सौदे में सीबीआइ को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने से भी मना कर दिया. राफेल से संबंधित सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा […]
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दी है. इसके साथ ही सौदे में सीबीआइ को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने से भी मना कर दिया. राफेल से संबंधित सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि देश को लड़ाकू विमानों की जरूरत है. देश इसके बगैर नहीं रह सकता है. ऑफसेट साझेदार के मामले में किसी भी निजी फर्म को व्यावसायिक लाभ पहुंचाने का कोई ठोस सबूत नहीं है.
उधर, सरकार ने राफेल पर आरोपों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग की. पार्टी ने कहा िक सत्य की जीत हुई है. हालांकि, कांग्रेस ने इसे नकारते हुए कहा कि पार्टी यह साबित करके रहेगी कि सौदे में चोरी हुई है. इस मामले पर कोर्ट में कैग रिपोर्ट का उल्लेख है, जबकि ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है.
सत्ता पक्ष को विशेषाधिकार नोटिस लाने की चुनौती दी. इससे पहले कोर्ट ने पूछा कि 2016 में जब सौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा था, तब किसी ने सवाल नहीं उठाया? याचिका दायर करने वालों में यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, अधिवक्ता प्रशांत भूषण, एमएल शर्मा और विनीत ढांडा व आप नेता संजय सिंह शामिल थे.
कोर्ट ने दी बड़ी राहत
‘संदेह का कोई कारण नहीं’
राफेल मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को बड़ी राहत दी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल व जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने कहा कि अरबों डॉलर कीमत के राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह का कोई कारण नहीं है.
न ही लड़ाकू विमानों की खरीद की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई कारण है. वैसे भी कीमतों के तुलनात्मक विवरण पर फैसला लेना अदालत का काम नहीं है. खरीद, कीमत व ऑफसेट साझेदार के मामले में हस्तक्षेप के लिए उसके पास कोई ठोस साक्ष्य नहीं है. दोनों पक्षों ने खरीद से जुड़े सभी पहलुओं पर स्पष्टीकरण दिया है.
अनिल अंबानी ने किया फैसले का स्वागत
रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे यह साबित हो गया कि उनकी कंपनी के खिलाफ लगाये गये आरोप राजनीति से प्रेरित व गलत थे. भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और दसाल्ट एविएशन ऑफ फ्रांस के साथ ऑफसेट समझौते समेत रक्षा के महत्वपूर्ण क्षेत्र में सरकार की मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया नीतियों के प्रति योगदान करने को लेकर हम
प्रतिबद्ध हैं.
राफेल पर कैग रिपोर्ट कहां है: राहुल
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सरकार बताये कि इस मामले पर कैग की रिपोर्ट कहां है, जिसका उल्लेख अदालत में किया गया है? जेपीसी से जांच की मांग करते हुए कहा कि यदि यह जांच हो गयी, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और िरलायंस के अनिल अंबानी का नाम ही सामने आयेगा.
चौकीदार को चोर उन्होंने ही कहा, जिन्हें मोदी से डर
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि जनता को गुमराह करने व सेना के बारे में संदेह पैदा करने के लिए राहुल गांधी देश की जनता से माफी मांगें. राहुल देश की जनता को जवाब दें कि वह किस आधार पर उसे गुमराह कर रहे थे? उनके आरोपों के बारे में जानकारी का स्रोत क्या था? चौकीदार को चोर उन्हीं लोगों ने कहा, जिन्हें पीएम मोदी से डर है.
झूठ की खेती करना कांग्रेस का इतिहास : रघुवर दास
रांची. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि राफेल सौदे में कोई गड़बड़ी नहीं हुई. झूठ-झूठ होता है, बार-बार दुष्प्रचार करने से वो सच नहीं हो जाता. कांग्रेस का इतिहास रहा है झूठ की खेती और घोटाले करना. राफेल डील का सच सामने आ गया.
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