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गुमला : 64 साल पुराने स्कूल को बंद करने का विरोध

जगरनाथ, गुमला गुमला सदर प्रखंड के मधुबन मंगनाटोली में वर्ष 1954 में खुले विद्यालय को शिक्षा विभाग द्वारा किसी दूसरे विद्यालय में विलय किये जाने से विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावकों व ग्रामीणों ने विरोध किया है. वे किसी भी तरह गांव के विद्यालय को बंद नहीं होने देने चाहते हैं. मधुबन मंगनाटोली में […]

जगरनाथ, गुमला

गुमला सदर प्रखंड के मधुबन मंगनाटोली में वर्ष 1954 में खुले विद्यालय को शिक्षा विभाग द्वारा किसी दूसरे विद्यालय में विलय किये जाने से विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावकों व ग्रामीणों ने विरोध किया है. वे किसी भी तरह गांव के विद्यालय को बंद नहीं होने देने चाहते हैं. मधुबन मंगनाटोली में विद्यालय की स्थापना टाना भगतों व ग्रामीणों ने मिलकर की थी.

शुरूआती समय में गांव के पढ़े-लिखे लोग विद्यालय में गांव के बच्चों को शिक्षित करने लगे. 13 साल तक इसी प्रकार चलने के बाद विद्यालय का सरकारीकरण हुआ और विद्यालय को राजकीय प्राथमिक विद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ. वर्तमान में तीन एकड़ भू-भाग पर फैले विद्यालय में वर्ग एक से पांच तक पढ़ाई होती है. जिसमें 32 बच्चे अध्ययनरत हैं और दो सरकारी शिक्षक हैं.

परंतु उक्‍त विद्यालय को गांव से एक से डेड़ किमी दूर पबेया स्कूल में विलय कर दिया है. इधर, अभिभावकों व ग्रामीणों ने उपायुक्त शशि रंजन से गांव के विद्यालय को किसी दूसरे गांव के विद्यालय में विलय नहीं करने की गुहार लगायी है. इस गुहार को लेकर वे शुक्रवार को उपायुक्त से मिलने पहुंचे थे.

अभिभावकों ने बताया कि विद्यालय में छोटे-छोटे बच्चे पढ़ते हैं. बच्चे दूसरे गांव नहीं जाना चाहते. यदि बच्चे जाना भी चाहे तो रोजाना जाने और आने में दो से तीन किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी. जिससे बच्चों को परेशानी होगी. हम लोग मजदूरी करने वाले हैं. बच्चों को स्कूल पहुंचाना और लाना भी संभव नहीं है.

उपायुक्त से गुहार लगाने वालों में जतरू साहू, रवि टाना भगत, जयमती टाना भगत, सुशांति टाना भगत, प्रीति टाना भगत, मुनी टाना भगत, प्रेमचंद टाना भगत, पार्वती टाना भगत, सुमति देवी, सुकरा उरांव, सरस्वती कुमारी, सुकरमुनी देवी, गोवर्द्धन साहू, ढिढु खड़िया, झडु साहू, राजेंद्र साहू, विनिता देवी, बासमती देवी, राधिका कुमारी, सीता खड़िया सहित कई लोगों के नाम शामिल है.

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