पटना : राजधानी पटना के राजीव नगर स्थित आसरा होम की संचालिका मनीषा दयाल को पटना हाईकोर्ट से शुक्रवार को नियमित जमानत मिल गयी. वह चार महीने से जेल में बंद थी. न्यायाधीश एस कुमार की एकल पीठ ने मनीषा दयाल द्वारा दायर नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. मनीषा दयाल एक हाईप्रोफाइल महिला है. वह पटना के राजीव नगर स्थित आसरा होम की संचालिका है. शुरुआती जांच में उसके एनजीओ में राज्य सरकार द्वारा दिये गये पैसे में काफी अनियमितता बरतने की बात सामने आयी थी.
मुजफ्फरपुर बालिका यौन उत्पीड़न मामले की जांच के दौरान जब राज्य के अन्य आसरा होम की जांच की जाने लगी तो यह पता चला कि राजधानी पटना के राजीव नगर स्थित आसरा होम में भी कुछ गड़बड़ियां हुई है, जिसे लेकर प्राथमिकी दर्ज की गयी और जांच शुरू की गयी. जांच के दौरान पता चला की इस आसरा होम की दो लड़कियों की संदिग्ध स्थिति में मृत्यु हो गयी है . जांच में यह भी पता चला कि अगस्त 2018 में इस आसरा होम की कुछ महिलाएं भागने की कोशिश की लेकिन बाद में उन्हें पकड़ लिया गया.
तहकीकात में यह भी बात पता चला कि आसरा होम में रखी गयी लड़कियों के साथ अत्याचार हुआ करता था. भागने वाली लड़कियों में से दो लड़कियां मृत भी पायी गयी. जांच के दौरान यह भी पता चला कि मनीषा दयाल का संबंध मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर से भी है. मनीषा दयाल की ओर से अदालत को अधिवक्ता अजय ठाकुर द्वारा बताया गया कि मनीषा के एनजीओ से ब्रजेश ठाकुर को कोई लेना देना नहीं है. आरोपी पर जो धाराएं लगायी गयी है वह संगीन नहीं है तथा आवेदिका को नियमित जमानत दी जानी चाहिए. कोर्ट ने सभी पक्षी को सुनने के बाद मनीषा दयाल को रिहा करने का निर्देश दिया.