प्रतिनिधि, मेदिनीनगर
पलामू पुलिस ने गुरुवार को पांच लाख का इनामी माओवादी मुखदेव यादव को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. मुखदेव यादव भाकपा माओवादी में सबजोनल कमांडर के पद पर काम कर रहा था. मुखदेव गुरिल्ला दस्ता में सक्रिय था. मुखदेव का कार्य क्षेत्र बिहार के औरंगाबाद जिले के देव, औरंगाबाद, करमलेवा, परसलेवा क्षेत्र में है.
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हाल के दिनों में जब पलामू में नक्सली गतिविधियां ठप पड़ी है तो ऐसे में मुखदेव को यह जिम्मेवारी मिली थी कि वह पलामू में जाकर संगठन का विस्तार करें. साथ ही उग्रवादी घटना को अंजाम देकर अपनी उपस्थिति इलाके में दर्ज कराये. क्योंकि नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान में पलामू पुलिस को निरंतर सफलता मिल रही है. यह उग्रवादियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.
मुखदेव की गिरफ्तारी के बाद प्रेस कांफ्रेंस में पलामू के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा ने बताया कि गुरुवार को पुलिस को सूचना मिली थी कि जोनल कमांडर मुखदेव यादव छतरपुर थाना क्षेत्र के गुलबझरी में किसी घटना को अंजाम देने के लिए आने वाला है. इसी सूचना के आधार पर अपर पुलिस अधीक्षक अरुण सिंह, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शंभू सिंह के नेतृत्व में पुलिस व सीआरपीएफ की संयुक्त टीम का गठन किया गया.
टीम ने घेराबंदी कर गुलाबझरी इलाके से उसे गिरफ्तार कर लिया. इनामी उग्रवादी मुखदेव यादव हरिहरगंज थाना क्षेत्र के गिद्धि टोला के परसडीह टोला का रहने वाला है. 2009 में चुनाव के दौरान उसने नौडीहा बाजार के कुहकुह में लैंड माइंस विस्फोट किया था. 2009 में सरईडीह में रणजित कुमार के घर में विस्फोट करने के बाद मालिक, मालकीन को जिंदा जला देने का आरोपी है.
इसके अलावा बिहार व झारखंड के कई मामलों में वह शामिल रहा है. पलामू के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा के मुताबिक सब जोनल कमांडर की गिरफ्तारी पलामू पुलिस के लिए बड़ी सफलता है. पकड़े जाने के बाद मुखदेव ने उग्रवादी संगठन में आ रहे बदलाव की जानकारी दी है, जिसके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी.
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पकड़े गये नक्सली ने 35 सफेदपोशों के बताये नाम
पुलिस 2018 तक पलामू को उग्रवाद मुक्त जिला बनाने में जुटी है. इस क्रम में अब तक दो दर्जन से अधिक इनामी उग्रवादी पकड़े जा चुके है. लेकिन अपने गिरफ्तारी के बाद सब जोनल कमांडर मुखदेव यादव ने जो सूचना दी है उससे पुलिस पूरी तरह से गंभीर हो गयी है. अभी भी कई ऐसे लोग है जो सोसाइटी में सफेदपोश के रूप में स्थापित है. लेकिन वैसे लोगों द्वारा उग्रवादी व माओवादी संगठन के लिए काम कर रहे हैं.
एसपी इंद्रजीत माहथा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मुखदेव ने 35 लोगों का नाम व पता बताया है जो माओवादियों के संपर्क में है और संगठन द्वारा दिये जा रहे टास्क को भी पूरा कर रहे है. एसपी ने बताया कि 35 लोगों के जो नाम है उसमें अधिकतर हरिहरगंज थाना क्षेत्र के सरसोत, पथरा, नौडीहा थाना क्षेत्र के डगरा, अंताकला आदि गांव के हैं. पहले इसका सत्यापन होगा उसके बाद उनलोगों को सुधरने का अवसर दिया जायेगा. उनका पक्ष भी जाना जायेगा.
जो चर्चा है उसके मुताबिक इस सूची में कई मुखिया का नाम है. एसपी माहथा ने कहा कि उग्रवादी समाज के हितैषी नहीं है. लोकतंत्र के विरोधी हैं. इसलिए किसी भी कीमत पर वैसे लोगों की मदद नहीं की जानी चाहिए. जो लोग मदद कर रहे हैं पुलिस उनकी काउसिलिंग करेगी और उन्हें सही रास्ते पर लाने का प्रयास करेगी. यदि इसके बाद भी वैसे लोगों की गतिविधि संदिग्ध पायी जायेगी तो वैसे लोगों के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी.
2005 में संगठन से जुड़ा था मुखदेव
गिरफ्तार सब जोनल कमांडर मुखदेव यादव माओवादी संगठन से जुड़ा था. भूमि विवाद के कारण वह संगठन में 2005 में जुड़ गया था. एसपी इंद्रजीत माहथा ने बताया कि पकड़े गये उग्रवादियों के बयान से यह स्पष्ट हो रहा है कि उग्रवाद की ओर जाने का मुख्य कारण भूमि का विवाद ही है. इसलिए पुलिस की यह कोशिश है कि थाना दिवस के दिन जो छोटे मामले आते हैं उसका निदान स्थानीय स्तर पर ही हो.
एसपी ने कहा कि पलामू में नक्सली गतिविधियां पूर्णत: बंद हो गयी है. जो भी नक्सली सदस्य या दस्ता सक्रिय हो रहा है वह पुलिस के पकड़ में आ रहा है. साथ ही पिकेट ओपी बनने से गांव में सुरक्षा के साथ-साथ विकास का वातावरण तैयार हुआ है.