भुवनेश्वर : पाकिस्तान में हॉकी के भविष्य को लेकर चर्चा शुरू हो गयी है. एशियाई हॉकी महासंघ (एएचएफ) के सीईओ और एफआईएच कार्यकारी बोर्ड के सदस्य तैयब इकराम ने गुरुवार को कहा कि वहां हॉकी तभी अपना वजूद बरकरार रख सकती है जब देश के राजनीतिक और सुरक्षा हालात में सुधार आये.
उन्होंने कहा, जो इस समय मुश्किल दिख रहा है. यह पूछने पर कि जहां दूसरे देशों में हॉकी के प्रसार के लिये प्रयास किये जा रहे हैं, वहीं कभी हॉकी की महाशक्ति रहे पाकिस्तान में इसे बचाने के लिये कुछ क्यों नहीं किया जा रहा, एएचएफ सीइओ ने कहा कि पाकिस्तान का मामला अलग है.
उन्होंने यहां हॉकी विश्व कप क्वार्टर फाइनल मुकाबलों से पहले कहा, पाकिस्तान इस समय एकदम अलग मामला है. युवाओं को आकर्षित करने के लिये खेल में ग्लैमर होना जरूरी है जो इस समय पाकिस्तान हॉकी में नहीं है. वह उस समय था जब टीम विश्व कप और ओलंपिक जीत रही थी.
इकराम ने कहा , पाकिस्तान में राजनीतिक और सुरक्षा हालात सुधरने तक इसमें बदलाव नहीं आयेगा और वह अभी मुश्किल दिख रहा है. पाकिस्तान में खेल खत्म हो रहे हैं. पाकिस्तानी अवाम अंतरराष्ट्रीय हॉकी देखने को तरस गई है और इन हालात का देश में हॉकी पर बुरा असर पड़ा है.
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उन्होंने कहा कि देशों को अपनी प्राथमिकतायें तय करनी होगी और इसके लिये भारत की मिसाल दी जा सकती है. उन्होंने कहा , भारत ने एक दशक पहले प्रक्रिया शुरू करके हाई परफार्मेंस पर फोकस किया और आज भारतीय टीम कहां पहुंच चुकी है. बात सिर्फ निवेश की नहीं बल्कि सही समय पर सही फैसले लेने की भी है.
भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय हाकी की बहाली की पैरवी करते हुए इकराम ने कहा , मुझे लगता है कि यह जरूरी है और हम इस पर काम कर रहे हैं. यह सिर्फ एशियाई हॉकी नहीं बल्कि विश्व हॉकी की जिम्मेदारी है क्योंकि लोगों की इसमें दिलचस्पी है.
उन्होंने कहा, मस्कट में एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत पाक मैच को पौने दो करोड़ दर्शक मिले जो विश्व कप में भी कई मैचों को नहीं मिले होंगे. बारिश के कारण फाइनल नहीं हो सका, लेकिन दर्शक संख्या के मामले में भारत पाकिस्तान मैच का कोई सानी नहीं. हम जरूर चाहेंगे कि इनके बीच हॉकी बहाल हो.