नयी दिल्ली : इंटरपोल ने गुरुवार को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हजारों करोड़ रुपये के मुख्य आरोपी आैर इस मामले में आैर अभियुक्त नीरव मोदी के मामा मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड काॅर्नर नोटिस जारी किया है. इंटरपोल ने यह रेड काॅर्नर नोटिस केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआर्इ के अनुरोध पर जारी किया है. इंटरपोल ने भगोड़े अरबपति मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है.
चोकसी अपने भांजे नीरव मोदी के साथ पंजाब नेशनल बैंक से 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोपी है. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. इस साल जनवरी के पहले सप्ताह में फरार होने वाले चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली है. उसने तथा उसकी कंपनियों ने बैंक से 7,000 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी की है. चोकसी ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की सीबीआई की अर्जी के खिलाफ अपील की थी.
सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा कि इंटरपोल ने सीबीआई के अनुरोध पर मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है. सूत्रों ने बताया कि चोकसी ने आरोप लगाया है कि उसके खिलाफ मामले राजनीतिक षडयंत्र का नतीजा है. उसने भारत में जेल की स्थितियों, अपनी निजी सुरक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर सवाल भी उठाये. सूत्रों ने बताया कि यह मामला इंटरपोल समिति की पांच सदस्यीय अदालत के पास गया. रेड कॉर्नर नोटिस भगोड़े अपराधियों के लिए एक तरह का अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट होता है, जिसमें इंटरपोल अपने सदस्य देशों से उन्हें गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने का अनुरोध करता है. पीएनबी से जाली हलफनामों और विदेशी ऋण पत्रों को जारी कर धोखाधड़ी की गयी.
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सीबीआई ने इस घोटाले में नीरव मोदी और चोकसी दोनों के खिलाफ अलग-अलग आरोप पत्र दाखिल किया है. सीबीआई ने पिछले महीने अपने आरोप पत्र में कहा कि चोकसी ने 7,080.86 करोड़ रुपये ठगे, जो इस देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला है. नीरव मोदी ने कथित तौर पर 6,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की. चोकसी की कंपनियों पर 5,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज भी सीबीआई की जांच के दायरे में है.
अधिकारियों ने बताया कि ऐसा आरोप है कि नीरव मोदी और चोकसी ने अपनी कंपनियों के जरिये जाली हलफनामों और विदेशी ऋण पत्रों के जरिये दी गयी गारंटी का इस्तेमाल कर भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं से ऋण लिया, जो चुकाया नहीं गया.