पटना : राज्य सरकार जल्द ही राज्य में विश्वविद्यालय सेवा आयोग का गठन करने जा रही है. यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस महीने के अंत तक यानी नये साल में इसका गठन हो जायेगा. शिक्षा विभाग में इसके गठन को लेकर कवायद काफी तेज हो गयी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसकी प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गयी है और इसकी घोषणा जल्द हो जायेगी.
इस आयोग के गठन की स्वीकृति विधान मंडल के पिछले सत्र में ही दी गयी थी. इसमें एक अध्यक्ष समेत अधिकतम छह सदस्य होंगे. इनका कार्यकाल अधिकतम तीन वर्ष का होगा. इसके अध्यक्ष मुख्य सचिव रैंक के कार्यरत या सेवानिवृत्त दोनों तरह के अधिकार के अलावा कोई बड़े शिक्षाविद् भी हो सकते हैं. अध्यक्ष की अधिकतम उम्र सीमा 72 वर्ष और सदस्यों की अधिकतम समय सीमा 70 वर्ष होगी.
आयोग के सचिव पूर्णकालिक होंगे और संयुक्त सचिव रैंक के अधिकारी होंगे. सदस्यों को पांच साल का बतौर प्रिंसिपल अनुभव होना अनिवार्य है. इसका मुख्य काम राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर की बहाली करना है. राज्य के उच्च शैक्षणिक संस्थानों में बड़ी संख्या में प्रोफेसर के पद खाली पड़े हुए हैं. इन पर बहाली नहीं होने के कारण पढ़ाई काफी बाधित हो रही है.