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रामचंद्र गुहा का पाखंड
प्रसिद्ध इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर गोवा के पणजी शहर में बीफ खाते हुए और इसे एक जश्न के रूप में प्रस्तुत करते हुए अपनी एक तस्वीर डाली है. उनका कहना है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद के अनुसार भोजन करने, वस्त्र पहनने तथा प्यार करने का अधिकार है. यह उनके […]
प्रसिद्ध इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर गोवा के पणजी शहर में बीफ खाते हुए और इसे एक जश्न के रूप में प्रस्तुत करते हुए अपनी एक तस्वीर डाली है. उनका कहना है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद के अनुसार भोजन करने, वस्त्र पहनने तथा प्यार करने का अधिकार है.
यह उनके अपने विचार हो सकते हैं और लोकतंत्र में सभी को अपने विचार रखने का अधिकार भी है, लेकिन जिस तरह से उन्होंने गोमांस सेवन के प्रति अपनी अभिरुचि का सार्वजनिक प्रदर्शन किया है, उसने न सिर्फ हिंदू समाज को, बल्कि बौद्धों, जैनियों और उन सभी शाकाहारी लोगों को ठेस पहुंचायी है, जो जीव मात्र के प्रति अहिंसा का भाव रखते हैं. गुहा ने अपने आप को एक से अधिक बार गांधीवादी बताया है.
वह कैसे गांधीवादी हैं, जो पशुओं की क्रूरतापूर्वक की गयी हत्या को न्याय संगत ठहराते हैं? गांधी जी ने तो गोरक्षा के लिए आजीवन प्रयास किये थे. एक बात और, गुहा ने अपने 2015 के एक ट्वीट में स्वयं को शाकाहारी बतलाया था. उन्हें जो खाना है खाएं, लेकिन इस तरह से झूठ तो न बोलें.
चंदन कुमार, देवघर.
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