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कोलकाता : पुस्तकालयों के विकास के लिए बंगाल सरकार ने आवंटित किये छह करोड़, 34,000 दुर्लभ किताबों का डिजिटलीकरण किया गया
कोलकाता : महानगर समेत राज्यभर में मौजूद सरकारी पुस्तकालयों के विकास के लिए राज्य सरकार ने छह करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है. यह जानकारी शुक्रवार को राज्य पुस्तकालय विभाग की ओर से एक विज्ञप्ति जारी कर दी गयी है. इसमें बताया गया है कि 2011 में तृणमूल की सरकार बनने के बाद आज […]
कोलकाता : महानगर समेत राज्यभर में मौजूद सरकारी पुस्तकालयों के विकास के लिए राज्य सरकार ने छह करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है. यह जानकारी शुक्रवार को राज्य पुस्तकालय विभाग की ओर से एक विज्ञप्ति जारी कर दी गयी है. इसमें बताया गया है कि 2011 में तृणमूल की सरकार बनने के बाद आज तक राज्य सरकार ने पुस्तकालयों के विकास के लिए तेजी से काम किया है.
इसी वजह से वर्ष 2017-18 वित्त वर्ष में पुस्तकालयों के विकास के लिए राज्य सरकार ने जितनी धनराशि खर्च की थी, उसकी दोगुनी राशि वर्तमान वित्त वर्ष में पुस्तकालयों के विकास के लिए खर्च की है.
जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, सरकार ने 2,000 ग्रामीण पुस्तकालयों के बुनियादी ढांचे और पुस्तक से संबंधित विकास के लिए वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष) 2018-19 में छह करोड़ रुपये दिये हैं, जो पिछले वित्त वर्ष में आवंटित राशि से दोगुनी है. 2017-18 में 1,455 ग्रामीण पुस्तकालयों के लिए 3.2 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गयी थी.
बताया गया है कि 34,000 दुर्लभ किताबों का डिजिटलीकरण किया गया. जिला स्तर पर किताबों के डिजिटलीकरण का काम भी समान जिम्मेदारी के साथ निष्पादित किया जा रहा है. चालू वित्त वर्ष में विभिन्न पुस्तकालयों के लिए 11.43 लाख रुपये की किताबें खरीदी गयीं. साथ ही, पुस्तकालयों में रिक्त पदों पर भर्तियों के लिए भी कदम उठाये गये हैं.
विकास कार्यों के लिए कॉलेजों को मिलेगा फंड
कोलकाता : उच्च शिक्षा विभाग की ओर से राज्य के विभिन्न कॉलेजों के एकेडमिक कार्यों का मूल्यांकन करने के लिए एक नयी टीम बनायी गयी है. यह टीम कॉलेजों के इंफ्रास्ट्रक्चर व सुविधाओं को देखते हुए उनका मूल्यांकन कर एक रिपोर्ट तैयार करेगी. इसमें बेहतरीन गुणवत्ता वाले कॉलेजों को विकास कार्यों के लिए फंड दिया जायेगा.
इसके प्रथम चरण में कॉलेजों को एक रिपोर्ट विभाग में जनवरी तक जमा करवानी होगी. बेहतरीन ग्रेड पाने वाले कॉलेजों में नये विभाग व रिसर्च की सुविधा शुरू की जायेगी. इसमें प्रतिष्ठित कॉलेजों को पहले विकास कार्यों के लिए अनुदान राशि दी जायेगी. इस मामले में ऑल बंगाल प्रिंसिपल काउंसिल के एक सदस्य ने बताया कि राज्य के कई कॉलेज ऐसे हैं जो प्राचीन होने के साथ-साथ छात्रों के बीच क्वालिटी एजुकेशन के लिए लोकप्रिय हैं.
इन कॉलेजों में नयी सुविधाओं के साथ बेहतरीन ढांचा तैयार किया गया है. ऐसे कॉलेजों की सूची अलग से बनायी जा रही है. एकेडमिक गुणवत्ता के आधार पर कॉलेजों को फंड दिया जायेगा. नैक (नेशनल असेस्मेंट एंड एक्रीटिएशन काउंसिल) की प्रक्रिया में अच्छा ग्रेड हासिल करने वाले कॉलेज अपने यहां राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन भी करवा सकते हैं.
कुछ कॉलेज राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत आवेदन कर सहायता ले सकते हैं. शिक्षा विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि राज्य के कई कॉलेज अच्छी सुविधाओं के साथ क्वालिटी का मापदंड बनाये हुए हैं. उनके एकेडमिक मूल्यांकन व नैक के ग्रेड के आधार पर फंड प्रदान किये जायेंगे. कॉलेजों को इसके लिए पूरे विवरण के साथ जनवरी तक आवेदन करना होगा.
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