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रांची : जेपीएससी से चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति को चुनौती देनेवाली याचिका पर हुई सुनवाई, 230 अफसरों को राहत, याचिका खारिज

रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अनुभा रावत चाैधरी की अदालत में शुक्रवार को चतुर्थ झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के तहत चयनित अनुशंसित अभ्यर्थियों की नियुक्ति को चुनाैती देनेवाली विभिन्न याचिकाअों पर सुनवाई हुई. अदालत ने सुनवाई के दाैरान सभी पक्षों को सुना. प्रार्थियों की दलील को यह कहते […]

रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अनुभा रावत चाैधरी की अदालत में शुक्रवार को चतुर्थ झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के तहत चयनित अनुशंसित अभ्यर्थियों की नियुक्ति को चुनाैती देनेवाली विभिन्न याचिकाअों पर सुनवाई हुई. अदालत ने सुनवाई के दाैरान सभी पक्षों को सुना.
प्रार्थियों की दलील को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि स्केलिंग पद्धति का विज्ञापन में जिक्र नहीं होने को आधार मान कर सारी नियुक्ति प्रक्रिया को गलत नहीं ठहराया जा सकता है. स्केलिंग पद्धति से रिजल्ट तैयार करने का निर्णय आयोग ले सकता है. अदालत ने लंबी सुनवाई के बाद याचिकाअों को खारिज कर दिया.
इससे पूर्व राज्य सरकार व प्रतिवादियों की अोर से महाधिवक्ता अजीत कुमार ने पक्ष रखा. वही जेपीएससी की अोर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा, अधिवक्ता संजय पिपरवाल, अभय, प्रिंस कुमार ने पक्ष रखा. उन्होंने अदालत को बताया कि जेपीएससी संवैधानिक बॉडी है. वह निर्णय लेने को स्वतंत्र है. स्केलिंग पद्धति से चतुर्थ जेपीएससी का रिजल्ट तैयार करने का निर्णय लेने का अधिकार आयोग को है.
स्केलिंग पद्धति को एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी सही बताया था. वहीं प्रतिवादियों की दलील का विरोध करते हुए प्रार्थियों की अोर से अदालत में बताया गया कि आयोग द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया के बीच में स्केलिंग पद्धति से रिजल्ट तैयार करने का निर्णय लिया गया, जो बिल्कुल गलत था. इसका जिक्र विज्ञापन में भी नहीं किया गया था.
स्केलिंग पद्धति से जो रिजल्ट तैयार किया गया, उसमें मेरिटवाले छात्रों को नुकसान हुआ है. वे अयोग्य हो गये. मेरिट की अनदेखी की गयी. वैसी स्थिति में अनुशंसा व नियुक्ति को निरस्त किया जाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी प्रवीण कुमार राणा व अन्य की अोर से याचिकाएं दायर की गयी थी. जेपीएससी द्वारा 230 से अधिक उम्मीदवारों का चयन कर नियुक्ति के लिए अनुशंसा की गयी थी. इसी नियुक्ति को चुनाैती दी गयी थी.
कोर्ट ने कहा
  • स्केलिंग पद्धति का विज्ञापन में जिक्र नहीं होने पर नियुक्ति प्रक्रिया गलत नहीं ठहरायी जा सकती
  • स्केलिंग पद्धति से रिजल्ट तैयार करने का निर्णय ले सकता है झारखंड लोक सेवा आयोग

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