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जमशेदपुर : हमला करने व छेड़खानी के मामले में चार लोग भेजे गये जेल, विरोध

जमशेदपुर : बिरसानगर में जमीन हड़पने और छेड़खानी के मामले में पुलिस ने सिदगोड़ा के नरेंद्र श्रीवास्तव समेत सुरेंद्र श्रीवास्तव व उनके भतीजा छोटू श्रीवास्तव और नितेश श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर गुरुवार को जेल भेज दिया. नरेंद्र अधिवक्ता हैं. वहीं गुरुवार को कोर्ट में नरेंद्र श्रीवास्तव के गिरफ्तारी को गलत बताते हुए वकीलों ने विरोध […]

जमशेदपुर : बिरसानगर में जमीन हड़पने और छेड़खानी के मामले में पुलिस ने सिदगोड़ा के नरेंद्र श्रीवास्तव समेत सुरेंद्र श्रीवास्तव व उनके भतीजा छोटू श्रीवास्तव और नितेश श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर गुरुवार को जेल भेज दिया. नरेंद्र अधिवक्ता हैं. वहीं गुरुवार को कोर्ट में नरेंद्र श्रीवास्तव के गिरफ्तारी को गलत बताते हुए वकीलों ने विरोध किया.
इस दौरान कोर्ट के समक्ष दोनों पक्षों के वकील ने अपना-अपना पक्ष रखा, दलील सुनने के बाद कोर्ट ने नरेंद्र श्रीवास्तव सहित चारों आरोपी को जेल भेज दिया. हंगामा बढ़ने पर मौके पर मौजूद पुलिस पदाधिकारी ने सूचना वरीय अधिकारी को दी, जिसके बाद डीएसपी, क्यूआरटी समेत कई थानेदार मौके पर पहुंचे और मामला को शांत कराया.
यह है मामला. बिरसानगर जोन नंबर छह की महिला ने चार आरोपियों के खिलाफ बुधवार को एसटी-एसी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था. मामले में महिला ने कहा है कि उसके पास 10-12 बीघा जमीन है, जिस पर आरोपियों की नजर है. आरोपी जमीन के पास अड्डेबाजी करने के साथ-साथ घर की महिलाओं के साथ छेड़खानी करते हैं. वहीं बताया गया कि सभी आरोपियों ने चार दिसंबर की शाम 7.30 बजे घर में घुस कर हमला किया था और महिलाओं के साथ छेड़खानी की थी. साथ ही जाति सूचक शब्दों का भी प्रयोग किया था. केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों को गुरुवार को गिरफ्तार कर जेल भेजने के लिए कोर्ट लेकर आयी थी.
बचाव पक्ष के अधिवक्ता का पक्ष
नरेंद्र श्रीवास्तव के कोर्ट आने के साथ ही उनके अधिवक्ता प्रकाश झा समेत कई अन्य अधिवक्ताओं ने कोर्ट में हंगामा शुरू कर दिया. प्रकाश झा ने कोर्ट को बताया कि जिस केस में सात वर्ष या उससे अधिक की सजा होती है, वैसे मामलों में पुलिस की ओर से 41ए का नोटिस पहले दिया जाता है. इसके बाद गिरफ्तारी की जाती है, लेकिन नरेंद्र श्रीवास्तव के केस में पुलिस ने केस दर्ज होने के साथ ही आरोपी को जेल भेजने के लिए गिरफ्तार कर लिया है, जो कि पूरी तरह से गलत है.
अभियोजन का पक्ष
अपर लोक अभियोजक आरएन तिवारी ने कोर्ट को बताया कि पुलिस चारों अभियुक्तों को सबूत के साथ लेकर आयी है. ऐसे में पुलिस उन्हें पकड़ कर इसलिए लायी है कि उनके फरार होने की आशंका है. साथ ही अगर वह बाहर रहते हैं, तो यह भी संभव है कि वह गवाह और शिकायतकर्ता को धमकाये. इस कारण से उसे जेल भेज दिया जाये.

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