अनुपम कुमार
पटना : 1962 में पटना एयरपोर्ट का निर्माण हुआ. आरंभ में यहां से दो जोड़ी विमानों का परिचालन शुरू हुआ. दोनों विमान पटना से दिल्ली जाते-आते थे.
एक सुबह 12 बजे और दूसरा शाम 4 बजे. आज 48 जोड़ी फ्लाइटें परिचालित हो रही हैं. 11 महानगरों को जाने के लिए पटना से सीधी हवाई सेवा है, जो 24 घंटे परिचालित होती हैं. पिछले 56 वर्षों में पटना एयरपोर्ट की विकास यात्रा शानदार रही है.
देश के व्यस्त एयरपोर्ट में इसका स्थान 17 वां है और 33 से 47 फीसदी तक के उच्च पैसेंजर ग्रोथ व 30-40 फीसदी के एयरक्राफ़्ट मूवमेंट ग्रोथ के साथ पिछले कई वर्षों से देश के सबसे तेजी से बढ़ते 10 एयरपोर्ट में यह भी शामिल रहा है. पटना एयरपोर्ट 261 एकड़ में फैला है. इसका वर्तमान टर्मिनल बिल्डिंग छोटा है और यह 7200 वर्ग मीटर में फैला है. इसकी क्षमता 5 लाख सालाना यात्रियों की है जबकि 33 लाख यात्री हर साल आ-जा रहे हैं .
टर्मिनल पड़ेगा छोटा
पटना एयरपोर्ट पर बढ़ते यात्रियों की संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने पिछले दिनों 1216 करोड़ की लागत से एक भव्य टर्मिनल भवन बनाने का निर्णय लिया है. 57000 वर्ग मीटर में बन रहा यह टर्मिनल 45 लाख की क्षमता वाला होगा.
छाेटा रनवे बना बड़ी समस्या :आरंभ में यहां उतरने वाले विमान छोटे टर्बों प्रोपेलर श्रेणी के थे, लिहाजा यहां केवल 1950 मीटर का रनवे बिछाया गया. जब बोइंग 737 और एयर बस 320 जैसे विमानों का परिचालन यहां से शुरू हुआ तो रनवे छोटा पड़ने लगा. एक तरफ रेल लाइन और दूसरी ओर पटना जू होने की वजह से रनवे का विस्तार भी संभव नहीं है.